दिल्ली, 25 दिल्ली (ब्यूरो) : यूट्यूबर मनीष कश्यप एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। मनीष कश्यप आज (25 अप्रैल) बीजेपी में शामिल हो गए। मनीष कश्यप दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुए। उनके साथ उनकी मां भी दिल्ली गई हुईं थीं। इससे बिहार की सियासत तेज हो गई है। मनीष कश्यप पश्चिम चंपारण सीट से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। इससे बीजेपी के वर्तमान सांसद संजय जायसवाल के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं। वहीं, अब संजय जायसवाल के लिए राहत की ख़बर आई है। मनीष कश्यप एक यूट्यूबर से सफर की शुरुआत कर कैसे राजनीति में पैर जमा रहे हैं। सब कुछ जानते हैं।
मनीष कश्यप के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप ने बीजेपी ज्वाइन किया है। उनकी माता जी उपस्थित हैं। मनीष कश्यप ने जनता के सरोकार को उठाया है। हमेशा मोदी जी समर्थन में बात की, लेकिन कुछ दलों ने उनको बहुत दुख दिया। इनका हमेशा बीजेपी ने साथ दिया है। वहीं, मनीष कश्यप ने कहा कि ‘मैं जेल में था तो मेरी मां लड़ रही थीं। मेरी मां को पता है किसने किसने साथ दिया है। मां ने कहा कि मनोज भैया की बात नहीं काटनी है।
पश्चिम चंपारण के रहने वाले हैं मनीष कश्यप
यूट्यूबर मनीष कश्यप पश्चिम चंपारण के मझौलिया प्रखंड के महनवा डुमरी गांव के रहने वाले हैं। वो भूमिहार जाति से आते हैं। मनीष कश्यप शुरुआती दौर में हिन्दू संगठन से जुड़े थे। फिर बाद में छात्र संगठन से जुड़ गए। छात्र संगठन में रहते हुए कई मामले में उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज हुई। मनीष कश्यप सतवारिया कॉलेज में एक प्रोफेसर के घर पर छात्रों के साथ मिला कर हमला बोल दिया था। उस मामले में एफआईआर हुई थी। उस समय जेल भी गए थे।
मनीष कश्यप के ऊपर कई मामले दर्ज
जेल में रहते हुए मनीष कश्यप ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नॉमिनेशन भी किया था, लेकिन किसी कारण उनका नॉमिनेशन रद्द कर दिया गया। इसके बाद 2020 के बिहार विधानसभा के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़े। जिसमें करारी हार मिली थी। मनीष के ऊपर बेतिया में दर्जनों मामले दर्ज हैं और तमिलनाडु में कथित तौर पर मजदूरों का फर्जी वीडियो बनाकर वायरल काने के मामले में एनएसए लगा है।
इस मामले में मनीष कश्यप तमिलनाडु के मदुरै जेल में रहे। फिलहाल बेल पर बाहर हैं। बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह पश्चिमी चंपारण लोक सभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में चुनाव प्रचार प्रचार में जुटे हुए थे।