जालंधर, 20 अक्तूबर (कबीर सौंधी) : जालंधर के VOA ट्रैवल दफ्तर के बाहर दर्जनों लोगों ने इकट्ठे होकर ट्रैवल एजेंसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान भोले भाले लोगों ने बताया के उनके साथ वीजा लगवाने के नाम पर ठगी हुई है और यह ठगी किसी और ने नहीं जालंधर के एक प्रसिद्ध ठग ट्रैवल एजेंटस के आका के रूप में जाने जाने वाले शिवसेना नेता द्वारा की गई है।
लोगों ने बताया वीजा लगवाने के नाम पर उनसे हजारों रुपए ऐंठ लिए गए और यहां तक नहीं बताया गया कि दफ्तर का मालिक कौन है।
दफ्तर में काम करने वाली लड़कियों ने उन्हें विश्वास में लेकर उनसे हजारों रुपए ले लिए और कल उन्हें यह कहा गया कि आपका वीजा आ गया है। आप डेढ डेढ़ लाख रूपए लेकर दफ्तर आ जाओ। पर जब वह दफ्तर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनका वीजा नहीं आया और उनके साथ ठगी की गई है।
जिसके बाद उन्हें धमकाया जाने लगा बाद में पता चला कि दफ्तर जालंधर के एक अवैध ट्रैवल एजेंट्स को संरक्षण देने वाले शिवसेना नेता का है। लोगों ने सरेआम शिवसेना नेता इशांत शर्मा पर आरोप भी लगाए।
हैरानी की बात यह है कि पहले भी कई बार इशांत शर्मा पर आरोप लगाते रहे हैं और जितने भी ठग ट्रैवल एजेंट पकड़े गए हैं उनके संरक्षण में पुलिस थाने सबसे पहले इशांत शर्मा ही पहुंचाते हैं।
ऐसे में पुलिस द्वारा ऐसे ठग ट्रैवल एजेंटस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं जाती यह बड़ा सवाल बन चुका है? सवालों के घेरे में जालंधर पुलिस इसलिए भी है कि क्या शिवसेना नेतायों के साथ पुलिस अधिकारियों की सेटिंग है? जिस कारण बिना लाइसेंस के चलने वाले अवैध ट्रैवल एजेंसीयों के दफ्तरों पर कार्रवाई करने की जगह, जब भी ठगी का मामला सामने आता है तो तुरंत समझौता करवाने की ओर पुलिस लग जाती है।
अब देखना होगा कि इस VOA ट्रैवल एजेंसी के मामले बारे भी क्या समझौता ही करवाया जाता है या लोगों की शिकायत पर पुलिस केस भी दर्ज किया जाता है?
वहीं दूसरी और इशांत शर्मा शिवसेना नेता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे शहर में कई इमीग्रेशन दफ्तर चलते हैं और अगर कहीं झगड़ा होता है तो मैं अपने दोस्तों का साथ देने पहुंच जाता हूं। उन्होंने कहा VOA मामले में भी समझौता हो चुका है।