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Joshi Hospital की चौथी तथा पांचवी मंजिल की भी खुल गई फाईल, बिल्डिंग विभाग के दो अफसरों को चार्जशीट करने की तैयारी

जोशी अस्पताल के तीन नक्शे, एक रिहायशी दो कारोबारी,

फिर कम्पाऊडिंग और फिर चौथी और पांचवी मंजिल पर अवैध निर्माण..

अब बेसमैंट की खुदाई से आसपास के कई मकान धंसे..कौन जिम्मेदार ??

 

जालंधर, 29 मार्च : कपूरथला चौंक में स्थित जोशी अस्पताल के पीछे खोदी जा रही बेसमैंट का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। विधायक रमन अरोड़ा इस अस्पताल के पीछे खोदी गई बेसमैंट से आसपास के रिहायशी मकानों के धंसने के बाद सख्त कारवाई करने के लिए कमिशनर करनेश शर्मा से खुद मुलाकात कर चुके हैं। बहरहाल इस अस्पताल की पुरानी फाईल भी तलब कर ली गई है। जिसमें जोशी अस्पताल की बिल्डिंग का एक रिहायशी नक्शा नंबर 196 तिथि 22 मई 2002 तथा दो कारोबारी नक्शे नंबर 749 तिथि 9 अक्तूबर 2002 तथा 133 तिथि 7 मई 2002 को पास किए गए थे। मगर मौके पर नक्शे के विपरीत निर्माण कर लिया गया था जिसके बाद 22 फरवरी 2005 को इस इमारत का 10,70,831 रुपये की सरकारी फीस के बदले राजीनामा किया गया जिसमें बेसमेंट,ग्रांऊड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर, सैकेंड फ्लोर, थर्ड फ्लोर तथा मम्टी शामिल थी।

मगर इसके बाद 2017 के बाद कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और जोशी अस्पताल की चौथी तथा पांचवी मंजिल पर अवैध निर्माण शुरु कर दिया गया। आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदरपाल सिंह चड्डा ने इस मामले में कमिशनर , एमटीपी सहित चंडीगढ़ तक कई शिकायतें भेजी मगर कोई कारवाई नहीं की गई। अब वहां मरीजों के लिए कमरे तथा मैडिकल मशीनरी फिट करके इस्तेमाल किया जा रहा है।

अस्पताल के भूमिगत निर्माण से घरों में आई दरारें, हंगामा

जोशी अस्पताल की ओर से चौथी तथा पांचवी मंजिल को भी कम्पांऊड करवाने के लिए आवेदन किया जिसे रिजैक्ट कर दिया गया। एक रिपोर्ट में यहां तक लिखा गया है कि इस इमारत की चौथी तथा पांचवी मंजिल सहित फ्रंट एलीवेशन को कम्पांऊड नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक्सैस एफएआर है तथा इस अवैध निर्माण के खिलाफ कारवाई करने के लिए सिफारिश की गई थी मगर इस फाईल को कांग्रेसी नेता के दबाव में दबा दिया गया।

इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्डा द्वारा एमटीपी, एटीपी तथा बिल्डिंग इंस्पैक्टर के खिलाफ कारवाई करने के लिए सैक्टरी को शिकायत भेजी थी। वहीं बेसमैंट की खुदाई के मामले में आर्किटैक्ट सैनी तथा ठेकेदार जब्बार खां के खिलाफ भी बड़ी कारवाई करने की कवायद शुरु कर दी गई है। मिली जानकारी अनुसार उक्त बेसमैंट का नक्शा चंडीगढ़ से पास करवाया गया था मगर बिल्डिंग बाईलाज अनुसार हरेक प्रोजैक्ट में काम नियमों अनुसार चल रहा है इसके लिए बिल्डंग इंस्पैक्टर ने समय समय पर मौका चैक करके रिपोर्ट दर्ज करवानी होती है मगर इस मामले में बिल्डंग इंस्पैक्टर तथा एटीपी की ओर से खूब लापरवाही बरती गई। सूत्रों अनुसार पूरे मामले में बिल्डिंग विभाग के दो अफसरों को चार्जशीट करने की भी सूचना है।

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