चंडीगढ़, 10 जनवरी (ब्यूरो) : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई से पंजाब के तमाम आईएएस अफसरों और पीसीएस अधिकारियों में खासा रोष पाया जा रहा है। दोनों मामलों में अधिकारियों के विरोध के बाद पंजाब सरकार दबाव में आ गई है। हाल ही में विजिलेंस ने औद्योगिक प्लॉट आवंटन घोटाले में आईएएस नीलिमा के खिलाफ कार्रवाई की है। इसी के चलते करीब 50 आईएएस का प्रतिनिधिमंडल पंजाब के मुख्य सचिव वीके जंजुआ से मिला। अधिकारियों ने नाराजगी जताई और कहा कि आईएएस नीलिमा के खिलाफ मामला दर्ज करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इस विवाद के बाद सीएम भगवंत मान ने मुख्य सचिव से पूरे मामले पर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। बीते दिन सीएम भगवंत मान ने आइएएस और पीसीएस अधिकारियों की एसोसिएशन के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।
इनमें से आइएएस निलिमा के खिलाफ दर्ज केस को लेकर मुख्यमंत्री मान ने मुख्य सचिव वीके जंजुआ से मंगलवार तक इस बात की रिपोर्ट मांगी है कि क्या केस दर्ज करने के लिए विजिलेंस ने अनुमति लेकर कार्रवाई की है या नहीं। अगर ऐसा नहीं किया गया है तो नियमों के मुताबिक संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। वहीं पीसीएस अधिकारी मान के साथ बैठक के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना है कि गिरफ्तार किए गए नरिंदर सिंह तुरंत रिहा किया जाए, नहीं तो हड़ताल जारी रहेगी। सोमवार को आइएएस अधिकारियों के साथ करीब आधा घंटा तक बैठक करने के बाद मान ने मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि दस जनवरी तक विजिलेंस द्वारा की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट दी जाए।
उन्होंने विजिलेंस ब्यूरो का वह रिकार्ड तलब करने के लिए कहा है जिसके आधार पर आइएएस नीलिमा के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही विजिलेंस ब्यूरो को कानून की धाराओं का सम्मान करने के निर्देश भी दिए हैं। दूसरी तरफ पीसीएस अधिकारी सोमवार से पांच दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इस कारण पूरे राज्य में प्रशासनिक कामकाज ठप हो गए हैं। रेवेन्यू अफसर एसोसिएशन और पंजाब स्टेट इंजीनियर एसोसिएशन ने भी पीसीएस अधिकारियों का समर्थन कर दिया है। जिस प्रकार आइएएस और पीसीएस अधिकारियों ने सरकार पर दबाव बनाया है, उससे लगता है कि इन दोनों मामलों की जांच ढीली पड़ सकती है। मुख्यमंत्री मान के साथ बैठक के दौरान नीलिमा के आइएएस पति अमित कुमार ने कहा कि उनकी पत्नी ने कुछ गलत नहीं किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि वह इस्तीफा देकर अपनी पत्नी को न्याय दिलवाने के लिए लड़ेंगे। उनके साथ ही कुछ और आइएएस अधिकारियों ने भी इस्तीफा देने की बात कही।