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HMV में सात दिवसीय कल्चर एक्सचेंज प्रोग्राम का समापन समारोह

जालंधर, 28 मार्च (धर्मेंद्र सौंधी) : हंसराज महिला महाविद्यालय में प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के दिशा-निर्देशन में सात दिवसीय कल्चर एक्सचेंज प्रोग्राम का समापन समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस प्रोग्राम में नेहरू आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज तामिलनाडू की टीम ने भ्रमण किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में श्री दीपक बाली (एडवाइजर पंजाब हैरीटेज एंड टूरिज्म) ने उपस्थित रहकर समागम को शोभायमान किया। समागम का शुभारंभ कालेज परंपरानुसार ज्ञानात्मक ज्योति प्रज्जवलित कर डीएवी गान से किया गया। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने श्री दीपक बाली का ग्रीन प्लांटर व फुलकारी भेंटकर हार्दिक स्वागत किया।

उन्होंने डॉ. आर. मालती एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष अंग्रेजी विभाग, डायरेक्टर सेंटर फार कल्बर हैरीटेज एंड ह्यूमैन एक्सीलेंस व डॉ. समिथा सी.आर. अध्यक्ष मल्यालम विभाग, डायरैक्टर सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम का ग्रीन प्लांटर प्लांटर भेंट कर अभिनंदित किया। प्राचार्या डॉ. सरीन ने श्री दीपक बाली का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि आपके आने पर हम स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि एचएमवी आज अगर अपना विशिष्ट वर्चस्व रखता है तो उसका कारण न केवल प्रशासनिक, स्पोर्ट्स, कल्चर में विशिष्टता है बल्कि हमारे नैतिक मूल्य व संस्कार हैं जो एचएमवी की विशिष्टता को स्थापित करते हैं। नारी सशक्तिकरण का प्रतीक एचएमवी छात्रों को नैतिक मूल्य व संस्कार प्रदान कर एक बेहतर इंसान बनाने में सक्षम है।

उन्होंने कहा कि यह कल्चर एक्सचेंज प्रोग्राम न केवल कल्चर बल्कि विचारों, उद्देश्यों का भी एक्सचेंज है। उन्होंने इस घनिष्ठता को और अधिक परिपक्व करने की आशा करते हुए सम्पूर्ण तमिल टीम के प्रति आभार व्यक्त किया व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ उन्हें विदाई दी। श्री दीपक बाली ने कहा कि एचएमवी का भारतीय शिक्षा व नारी शिक्षा में योगदान अविस्मरणीय है। वास्तव में एचएमवी नारी सशक्तिकरण का प्रमाण है। उन्होंने अच्छे कर्मों पर बल देते हुए अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा दी व सदैव ईमानदार, सकारात्मक एवं उज्जवल व्यक्तित्व को धारण करने हेतु भी प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि पंजाब, पंजाब की सभ्यता व संस्कृति स्वयं में विलक्षण है। पंजाब वास्तव में मल्टीकल्चर से अभिभूत है। उन्होंने अपनी भाषा का सम्मान करने व प्रेम करने का भी संदेश दिया। डॉ. मालत्ती ने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि इन सात दिनों में मिले अपनत्व को छोड़कर आज जाते हुए ऐसा लग रहा है जैसे हम अपना मदर होम छोड़कर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एचएमवी में जो कोआर्डिनेशन लीडरशिप की गुणवत्ता है वो सब आपके गुणवान प्राचार्या के व्यक्तित्व की परिछाया है। इस अवसर पर अंत में सभी तमिल छात्राओं ने अपने भाव व्यक्त किए। अंत में सम्पूर्ण टीम को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

प्राचार्या डॉ. सरीन ने समस्त कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर डॉ. रमनीता सैनी शारदा के इस प्रयास हेतु बधाई दी। अंत में श्रीमती प्रोतिमा मंडेर द्वारा स्वरचित कविता जो इन सात दिनों के भाग को संजोए थी, प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ ने उपस्थित रह तामिलनाडू टीम को विदाई दी। टीम द्वारा गत दिवस अमृतसर, स्वर्ण मंदिर, हैरीटेज मार्किट, जलियांवाला बाग व वाघा बार्डर का भ्रमण श्रीमती प्रोतिमा मंडेर व डॉ. हरप्रीत सिंह के संरक्षण में कर अनेक स्मृतियों को संजोया गया।

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