जालंधर, 14 जून (धर्मेंद्र सौंधी) : पी.जी. मनोविज्ञान विभाग ने प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में हंस राज महिला महाविद्यालय के परिसर में ”लचीलापन का निर्माण और आत्म विश्वास बढ़ाने” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। सुश्री दामिनी तिवारी, डिप्टी काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट रिसोर्स पर्सन थीं। उनका स्वागत डॉ. आशमीन कौर, हेड पी.जी. एचएमवी के छात्रों द्वारा प्यार और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में तैयार किए गए प्लांटर और पेंटिंग के साथ मनोविज्ञान विभाग। कार्यशाला में सुश्री दामिनी तिवारी ने सेल्फ कॉन्फिडेंस का अर्थ, दैनिक जीवन में सेल्फ कॉन्फिडेंस के महत्व और सेल्फ कॉन्फिडेंस को कैसे बढ़ाया जाए, के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि नकारात्मक सामाजिक तुलना, प्रशंसा स्वीकार करने में कठिनाई, नकारात्मक आत्म-चर्चा और भविष्य के लिए खराब दृष्टिकोण किसी व्यक्ति में कम आत्म-विश्वास के कुछ कारण हो सकते हैं। यदि कोई इन लक्षणों की पहचान करता है, तो वह इस तरह की अस्वास्थ्यकर प्रथाओं से बचकर और सकारात्मक आत्म-चर्चा, समग्र जीवन शैली को अपनाने, कौशल को उन्नत करने, मुखर और आत्म-जागरूक होने जैसी स्वस्थ प्रथाओं को विकसित करके अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा, आत्मविश्वासी होने के लिए व्यक्ति को लचीला होने की भी आवश्यकता होती है यानी किसी व्यक्ति को असफलता का सामना करने पर उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए, उन्हें वापस उछाल देना चाहिए और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फिर से प्रयास करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कुछ टिप्स दिए। इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में आत्मविश्वास की भूमिका के बारे में चर्चा की और छात्रों को कार्यशाला में सीखे गए सुझावों को अपने दैनिक जीवन में भी लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। सत्र एक इंटरैक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ समाप्त हुआ। छात्रों और संसाधन व्यक्ति के बीच दौर। बी.ए. (सेम 6) की सुश्री प्रियांशु ने मंच संचालन किया और बी. वोक (सेम 6) की सुश्री पारुल ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव दिया। इस अवसर पर फैकल्टी सदस्य सुश्री श्रुति, सुश्री वंशिका और सुश्री हरप्रीत भी उपस्थित थीं।