जालंधर, 09 दिसंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर की फ्रायडियन साइकोलॉजिकल सोसायटी ने आईक्यू को समझना: मनोविज्ञान के छात्रों के लिए एक आवश्यक घटक पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। संसाधन व्यक्तियों श्री अतुल मदान और सुश्री शीनू का स्वागत मनोविज्ञान के पीजी विभाग की प्रमुख डॉ. आशमीन कौर ने एचएमवी के छात्रों द्वारा प्लांटर और पेंटिंग के साथ सराहना के प्रतीक के रूप में किया। श्री मदान ने IQ की ऐतिहासिक उत्पत्ति और महत्व और इसके मूल्यांकन, मानसिक आयु की अवधारणा, गणना के सूत्र और क्षेत्र के अग्रदूतों जैसे बिनेट, साइमन, वेस्क्लर और टोलमैन के बारे में बात की।
उन्होंने दुनिया भर में IQ के मूल्यांकन में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले परीक्षणों और परीक्षण बैटरियों, प्रचलित डोमेन और IQ के वर्गीकरण पर चर्चा की। सुश्री मदान ने प्रकृति बनाम पोषण बहस और रेमंड बी. कैटेल के सिद्धांत के संबंध में बुद्धि को प्रभावित करने वाले प्रकारों और कारकों पर भी चर्चा की। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अजय सरीन ने आईक्यू के विकास के महत्व पर चर्चा की और बताया कि कैसे यह हमारे व्यक्तित्व के अन्य सभी पहलुओं को प्रभावित करता है और हमारे भावनात्मक और सामाजिक विकास में भी योगदान देता है। श्री मदान और सुश्री शीनू ने फ्लिन प्रभाव, इसकी प्रासंगिकता और सिद्धांतकार जेम्स आर. फ्लिन के योगदान पर भी चर्चा की। उन्होंने आईक्यू के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए आवश्यक मूल्यांकन के विभिन्न उपकरणों को भी साझा किया। श्री मदान ने इस बात पर भी चर्चा की कि परामर्श सत्रों के दौरान ऐसे परीक्षणों और उपकरणों को कैसे शामिल किया जाए। इस कार्यक्रम का संचालन बी.ए. की सुश्री दमनप्रीत ने किया। सेम 5. फैकल्टी सदस्य सुश्री हरप्रीत, सुश्री निहारिका, सुश्री श्रुति एवं सुश्री वंशिका उपस्थित थीं। सुश्री निहारिका ने धन्यवाद ज्ञापन किया।