जालंधर, 11 सितंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में, फ्रायडियन साइकोलॉजिकल सोसायटी ने आत्महत्या रोकथाम दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संसाधन व्यक्ति समावेशन और संचार के लिए एक प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट लीड, कीस्टोन इंस्टीट्यूट, भारत, श्रीमती ग्रेस डैनियल थीं। उनका स्वागत पीजी प्रमुख डॉ. अशमीन कौर ने किया। प्लांटर के साथ मनोविज्ञान विभाग। श्रीमती ग्रेस डैनियल ने एक इंटरैक्टिव सत्र के साथ कार्यशाला की शुरुआत की, जिसमें छात्रों को विभिन्न इंटरैक्टिव गतिविधियों में शामिल किया गया।
उन्होंने बताया कि हम कैसे चेतावनी के संकेतों को पहचान सकते हैं और उन लोगों की मदद कर सकते हैं जिनके मन में आत्मघाती विचार और ऐसा करने का इरादा है। हम उन्हें सक्रिय रूप से सुनकर कैसे उनकी मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, आत्महत्या एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है, जो दुनिया भर में मौत का सातवां प्रमुख कारण है। छात्रों ने इस घटना को मनाने और सभी के बीच जागरूकता फैलाने के लिए पोस्टर भी बनाए।
प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने इस पहल की सराहना की और मनोविज्ञान विभाग को बधाई दी और कहा कि ऐसा लग सकता है कि आपकी समस्याओं को हल करने का कोई रास्ता नहीं है और आत्महत्या ही दर्द को खत्म करने का एकमात्र तरीका है, लेकिन हर समस्या का एक समाधान होता है और जीवन अनमोल है . सुश्री जाहन्वी और मेघना (बी.ए. सेमेस्टर 3) ने मंच का संचालन किया। सुश्री इशिता (सहायक प्रोफेसर) ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर मनोविज्ञान के पीजी विभाग से सुश्री प्रिया सेठ, सुश्री पारुल शर्मा और सुश्री इशमनप्रीत कौर के साथ विभिन्न धाराओं के 100 से अधिक छात्रों ने कार्यशाला में भाग लिया।