जालंधर, 29 नवंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : हंस राज महिला महा विद्यालय ने भाषा विभाग, जालंधर के सहयोग से “पंजाबी माह 2022” का आयोजन प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के गतिशील निर्देशन में “कवि दरबार” के आयोजन द्वारा किया। इस कार्यक्रम में श्री की उपस्थिति देखी गई। मुख्य अतिथि के रूप में जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा और अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री. जतिंदर पन्नू .. प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने श्री का स्वागत किया। रमन अरोड़ा, श्री. जतिंदर पन्नू, शा. सतनाम सिंह, सहायक निदेशक भाषा विभाग पटियाला, श। परवीन कुमार, डॉ. संतोख सिंह, श. भगवान सिंह, श्रीमती नवनीत कौर, भाषा विभाग जालंधर, प्रसिद्ध कवियों डॉ. नवजोत कौर, प्राचार्य लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन, डॉ. गोपाल मक्खन, श्री. संधू वर्णवी, प्रो कुलवंत सिंह औजला, प्रो सरदूल औजला, श्रीमती नवरूप, श्रीमती कुलजीत कौर और डॉ संदीप। प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन ने मेहमानों का जोरदार स्वागत किया और पंजाबी विभाग को भाषा को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय प्रयास करने के लिए बधाई दी। उन्होंने संस्थान की अग्रणी पहलों का भी उल्लेख किया जैसे पंजाबी में मुफ्त मास्टर्स डिग्री की पेशकश और परिसर में पंजाबी में साइन बोर्ड स्थापित करना।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कवि न केवल अपनी अभिव्यक्ति को आवाज देते हैं बल्कि देश के युवाओं को सही दिशा प्रदान करने का काम भी करते हैं जो वर्तमान में ड्रग्स, हिंसा, तनाव और भ्रामक विचारों से घिरे हुए हैं। हमारे युवाओं को सही प्रोत्साहन की जरूरत है जो कवियों द्वारा उचित रूप से प्रदान की जा सकती है। श्री। रमन अरोड़ा ने अपनी खुद की कुछ पंक्तियों को पढ़कर कार्यक्रम की शुरुआत की और पंजाबी माह के आयोजन के लिए एचएमवी को सम्मानित किया और पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए अपना समर्थन देने की पेशकश की। श्री। संधू वारयाणवी की सुंदर पंक्तियों ने कवियों के समाज में योगदान को अभिव्यक्त किया। कवियों ने पंजाब की वर्तमान स्थिति, नारी उत्थान, गुरु तेग बहादुर जी की शहादत और पंजाबी भाषा के महत्व जैसे विभिन्न विषयों को छुआ। श्री। सुखदेव और श। मनोज फगियारवी ने भी अपनी कविताएं सुनाईं और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अध्यक्षता टिप्पणी में, श्री. जतिंदर पन्नू ने एचएमवी के प्रयासों की सराहना की जिसने हमेशा हर क्षेत्र में इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि भाषाएं दुनिया को एक इकाई में जोड़ने का काम करती हैं और वे एक-दूसरे से सीखते और अनुकूलित होते हैं। इसी तरह हम हर संस्कृति से सीखते हैं लेकिन जड़ों से जुड़े रहने की जरूरत है। देश में प्रतिभा की भरमार है और हम अपनी संस्कृति के दूत हैं इसलिए हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम कहां के हैं। भाषाओं और पर्यावरण को बचाना युवाओं की जिम्मेदारी है। भाषा विभाग पंजाब ने प्रिंसिपल डॉ. अजय सरीन को पंजाबी भाषा में उनके योगदान के लिए फुलकारी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। श्री। जतिंदर पन्नू, श्रीमती नवनीत सहित सभी कवियों को सम्मानित भी किया गया। श्री। सतनाम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती नवरूप, श्रीमती. कुलजीत कौर, डॉ. संदीप, सुश्री अमन, सुश्री परवीन और एचएमवी की फैकल्टी द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। छात्रों के लिए पुस्तक प्रदर्शनी और लोक कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।