जालंधर, 24 मार्च (धर्मेंद्र सौंधी) : हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर के भौतिकी विभाग के चंद्रयान विपनेट क्लब ने हाई पावर टेलिस्कोप की मदद से बृहस्पति, शुक्र और चंद्रमा का निरीक्षण करने के लिए छात्रों के लिए नाइट स्काई वॉच का आयोजन किया। भौतिकी विभाग की प्रमुख श्रीमती सलोनी शर्मा ने कार्यक्रम का परिचय दिया। प्रिंसिपल डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने पुष्पा गुजराल साइंस सिटी के नाइट स्काई वॉच के इंचार्ज रिसोर्स पर्सन श्री आकाशदीप सिंह का प्लांटर से स्वागत किया। श्री आकाशदीप सिंह ने हमारे सौर मंडल की संरचना के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए “ब्रह्मांड और खगोलीय पिंड” पर एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी। उन्होंने चंद्रमा के निर्माण और पृथ्वी की धुरी के झुकाव के बारे में बहुत ही उल्लेखनीय तरीके से वर्णन किया। उन्होंने पृथ्वी की सतह पर ऋतुओं के निर्माण के साथ-साथ दिन और रात के बारे में भी बताया। उन्होंने आगे आकाशगंगाओं के विभिन्न आकारों के बारे में चर्चा की और बताया कि आकाशगंगाएँ लगातार एक दूसरे से दूर जा रही हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि सूर्य पृथ्वी से लगभग 149 मिलियन किमी दूर है। प्रेजेंटेशन सेक्शन के बाद श्री आकाशदीप सिंह ने कॉलेज के लॉन में हाई पावर टेलिस्कोप लगाया। उन्होंने उच्च शक्ति दूरबीनों के साथ चंद्रमा के साथ-साथ मंगल ग्रह और बृहस्पति ग्रह पर ध्यान केंद्रित किया। आदरणीय मैडम प्रिंसिपल ने कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों और छात्रों के साथ दूरबीन से चंद्रमा की सतह और मंगल और बृहस्पति को देखा। छात्रों ने धैर्यपूर्वक चंद्रमा और ग्रहों की खोज की और हर कोई इस शानदार नजारे को देखकर मुग्ध हो गया। इस अवसर पर फैकल्टी श्री सुशील, डॉ. सिम्मी गर्ग, सुश्री हरप्रीत, डॉ. गगनदीप एवं डॉ. ज्योति गोगिया भी उपस्थित थे। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस तरह के अभिनव आयोजन के लिए भौतिकी विभाग की सराहना की। प्रस्तुति के बाद श्री आकाशदीप सिंह ने कॉलेज के लॉन में हाई पावर टेलीस्कोप लगाया। उन्होंने दो दूरबीनों से चंद्रमा और शनि ग्रह पर ध्यान केंद्रित किया। कॉलेज के फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स ने टेलिस्कोप से चांद और शनि की सतह को खूबसूरत छल्लों से देखा। इस मौके पर जूलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. सीमा मरवाहा और फिजिक्स विभाग की सुश्री सिम्मी गर्ग भी मौजूद रहीं। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस तरह के अभिनव आयोजन के लिए भौतिकी विभाग की सराहना की।