जालंधर, 24 अगस्त (धर्मेंद्र सौंधी) : प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. श्रीमती अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में, फ्रायडियन साइकोलॉजिकल सोसायटी और दृष्टि टेक्नोलॉजी सेंटर ने दृष्टिबाधित लोगों के लिए एक संवेदीकरण अभियान: समावेशन की दिशा में एक दयालु कदम का आयोजन किया। संसाधन व्यक्ति श्रीमती सीमा चोपड़ा (सामाजिक कार्यकर्ता) एस. अमरजीत सिंह आनंद (राज्य विकलांगता कार्यकर्ता) श्रीमती दीपिका सूद (एनजीओ सक्षम पंजाब) थे। उनका स्वागत पीजी प्रमुख डॉ. अशमीन कौर ने किया।
मनोविज्ञान विभाग और डॉ. प्रेम सागर, प्रमुख, संगीत विभाग, प्यार और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में एचएमवी के छात्रों द्वारा तैयार एक प्लांटर और एक कलाकृति के साथ। संगीत विभाग के छात्रों ने 77वें स्वतंत्रता माह का जश्न मनाने के लिए एक अद्भुत रचना गाई। कार्यशाला में डॉ. प्रेम सागर ने दृष्टिबाधित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने छात्रों को “बी माई आइज़” ऐप के बारे में बताया जहां वे स्वेच्छा से दृष्टिबाधित लोगों की मदद कर सकते हैं। श्रीमती दीपिका ने अपने ज्ञान के शब्दों को साझा किया और छात्रों को बताया कि दृष्टिबाधित लोग लैपटॉप का उपयोग कैसे करते हैं और वे स्क्रीन रीडिंग सॉफ्टवेयर के साथ कैसे पढ़ सकते हैं।
श्री अमरजीत सिंह आनंद ने उन घटनाओं को साझा किया जहां सरकार विशेष बच्चों की जरूरतों के प्रति आंखें मूंद लेती है और लोगों को इन बच्चों के प्रति कैसे सहानुभूति रखनी चाहिए। श्रीमती सीमा आनंद चोपड़ा ने इस बारे में बात की कि कैसे लोगों को उन लोगों के प्रति संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए जो दृष्टिबाधित हैं या किसी अन्य तरीके से विकलांग हैं। सत्र एक इंटरैक्टिव प्रश्न उत्तर दौर के साथ समाप्त हुआ जिसमें सभी संसाधन व्यक्तियों और छात्रों ने अपनी कहानियाँ साझा कीं कि कैसे उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले लोगों की मदद की।
बी वोक की रुहानी सेमेस्टर 5 ने इस विषय पर एक अद्भुत कविता सुनाई। प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. अजय सरीन ने इस पहल की सराहना की और मनोविज्ञान विभाग और दृष्टि टेक्नोलॉजी सेंटर को ऐसे संवेदनशील विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए बधाई दी। सुश्री आयुषी (बी.ए. सेमेस्टर 5) ने मंच संचालन किया। सुश्री वंशिका ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर सुश्री श्रुति बिदानी, सुश्री अंजलि नंदन, सुश्री निधि शर्मा भी उपस्थित थीं।