जालंधर, 23 सितंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : स्वच्छता के महत्व के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए, एचएमवी कॉलेजिएट स्कूल ने बडी प्रोग्राम के तहत प्रिंसिपल प्रो डॉ (श्रीमती) अजय सरीन के प्रभावी मार्गदर्शन के साथ स्वच्छता पखवाड़ा चलाया। गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की गई जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और स्वच्छता के संदेश को फैलाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए। निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जहां छात्रों ने विभिन्न विषयों पर पेड़ों की छाया के नीचे प्रकृति की गोद में बैठकर अपने विचारों को लिखा, जैसे विकासशील देशों में स्वच्छता में सुधार की चुनौतियां, स्वच्छता को बढ़ावा देने में शैक्षिक संस्थानों की भूमिका, कैन वॉल पेंटिंग्स ( भित्तिचित्र) शहरों में स्वच्छता के लिए राजदूत बने, स्वच्छता और मानव स्वास्थ्य में सुधार के बीच क्या अंतर है। दूसरे दिन शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने इस दुनिया को स्वच्छ और हरित स्थान बनाने और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जागरूक और सावधान रहने का संकल्प लिया। स्ट्रिंग में तीसरे दिन ग्रीन स्कूल ड्राइव डे मनाया गया जिसमें स्कूल के सभी शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई।
शिक्षकों ने छात्रों को जल और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिए। चौथे और पांचवें दिन, हाथ धोने का दिन और व्यक्तिगत स्वच्छता दिवस मनाया गया, जिसमें छात्रों को हाथ धोने के उपयोग और हमारे जीवन में इसके लाभों के बारे में जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि कुछ आदतें हैं जो हमें फिट और ठीक रहने में मदद करती हैं और हैंड वॉश से अच्छी तरह से हाथ धोना उनमें से एक है ताकि हम किसी भी तरह के बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षित महसूस करें और सभी बीमारियों को दूर रखें। व्यक्तिगत स्वच्छता में छात्रों को व्यक्तिगत संवारने और इसके महत्व के बारे में जागरूक किया गया। प्रिंसिपल डॉ अजय सरीन ने स्कूल समन्वयक श्रीमती मीनाक्षी सयाल और छात्रों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें इस तरह की गतिविधियों में अधिक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि स्वच्छ भारत के सपने को साकार किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि हमें शारीरिक के साथ-साथ आध्यात्मिक स्वच्छता भी बनाए रखनी चाहिए और स्वच्छता बनाए रखना किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है। हम सभी पर्यावरण के अनुकूल उपायों का उपयोग करके व्यक्तिगत स्तर पर योगदान कर सकते हैं। स्कूल समन्वयक श्रीमती मीनाक्षी सयाल ने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता अभियान छात्रों को उनके नैतिक और नागरिक कर्तव्यों के बारे में जागरूक करते हैं जो उन्हें दुनिया के जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस स्वच्छता अभियान से प्राप्त ज्ञान और जागरूकता को उनके परिवार के सदस्यों तक पहुँचाना चाहिए ताकि दुनिया स्वच्छ और हरियाली बन सके।