जालंधर, 22 जुलाई (धर्मेंद्र सौंधी) : समृद्ध पंजाबी संस्कृति की सुंदर झलक और विश्व प्रसिद्ध उपन्यासकार, गीतकार और कवि श्री के प्रेरक जीवन इतिहास। नानक सिंह जी को एचएमवी कॉलेजिएट सीनियर सेकेंडरी में आयोजित कुछ पल-उपन्यासकार नानक सिंह दी याद दे नाल में देखा गया। स्कूल, जालंधर प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध पंजाबी उपन्यासकार श्री के पुत्र सरदार कंवलजीत सिंह सूरी थे। नानक सिंह जी ने हमें महान उपन्यासकार के समृद्ध रचनात्मक जीवन इतिहास से परिचित कराकर अपना आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। मुख्य अतिथि का स्कूल समन्वयक श्रीमती मीनाक्षी सयाल, पंजाबी विभाग की प्रमुख श्रीमती नवरूप, श्रीमती कुलजीत कौर और श्रीमती वीना अरोड़ा द्वारा एक प्लांटर के साथ स्वागत किया गया। उन्हें श्री के एक सुंदर चित्र के साथ प्रस्तुत किया गया था। नानक सिंह जी को एक छात्र जसनूर ने बनाया था जिसकी उन्होंने बहुत प्रशंसा की। प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने सरदार कंवलजीत सिंह सूरी जी का यह कहकर स्वागत किया कि एचएमवी में उनकी उपस्थिति वास्तव में एक सुखद अनुभव है। उन्होंने प्रदर्शनी और छात्रों द्वारा तैयार एक नाटक की प्रशंसा की।
उन्होंने छात्रों को बड़ों का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि वे हमें ज्ञान के साथ प्रबुद्ध करने के लिए असली खजाना हैं और सकारात्मक संक्रमण काल में मीडिया, समाज और परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह बहुत आशावादी रूप से मानती हैं कि आज का युवा एक नया सवेरा लाएगा जिसमें महान स्वतंत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदानों से हमें जो आजादी मिली है, वह सभी को पसंद आएगी। श्रीमती नवरूप ने कहा कि इस प्रकार के संवाद सत्र शालीन शिक्षा हैं जिसमें हम गौरवशाली व्यक्तित्वों के अनुभवों से लाभान्वित होते हैं। उन्होंने समृद्ध पंजाबी संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाले इस तरह के कार्यक्रमों की व्यवस्था करने के लिए निरंतर प्रेरणा के लिए प्रिंसिपल डॉ अजय सरीन और स्कूल समन्वयक का आभार व्यक्त किया। पंजाबी परिधानों में सजे विद्यार्थियों द्वारा गाए गए लोक गीतों को खूब सराहा गया। सरदार कंवलजीत सिंह सूरी ने हमें श्री के सामने आने वाली कठिनाइयों और संघर्ष से परिचित कराया। नानक सिंह जी बचपन से ही। उन्होंने कहा कि कविताएँ उनके हृदय में स्वतः उत्पन्न हो जाती हैं। उनके जीवन की कहानी के हर पल ने हमें परोपकारी, विनम्र, सरल और जमीन से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया। अपनी सफलता के उच्चतम शिखर पर भी उन्होंने अपनी मां के उस आशीर्वाद को श्रेय दिया जिसने सभी के दिल को छू लिया।
इस अवसर पर छात्रों ने श्री की कृतियों से प्रेरित एकांकी नाटक प्रस्तुत किया। जिसमें नानक सिंह जी ने समाज के विचारणीय मुद्दों- गरीबी, बेरोजगारी, बढ़ती कीमतों, भ्रष्टाचार और दहेज प्रथा को दिखाया। विचारोत्तेजक नाटक को खूब वाहवाही मिली। SSC-2 की छात्रा पलक ने श्री के जीवन इतिहास पर आधारित कविता का पाठ किया। नानक सिंह जी एसएससी -2 की जाह्नवी कपूर और स्तुति ने श्री के कलात्मक रूप से उन्नत जीवन पर गद्य सुनाया। नानक सिंह जी ने कार्यक्रम को और शानदार बना दिया। स्कूल समन्वयक श्रीमती मीनाक्षी सयाल ने कहा कि ये संवादात्मक प्रवचन युवा शिक्षार्थियों के दिमाग में समझ के नए रास्ते खोलते हैं। ये आयोजन छात्रों के साहित्य के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देते हैं जो सत्य और सुंदरता का प्रदर्शन है, जो छात्रों के समग्र विकास में मदद करता है। पहल करने के क्रम में, एचएमवी कॉलेजिएट स्कूल ने प्रत्येक संकाय सदस्य द्वारा उनके जन्मदिन पर पुस्तकालय को एक पुस्तक दान करने की अवधारणा की शुरुआत की, क्योंकि पिछले वर्ष में यह हर एक, संयंत्र एक को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। मंच संचालन सुश्री अरविन्दर कौर ने किया। इस कार्यक्रम में कॉलेज और कॉलेजिएट वर्गों के संकाय सदस्य उपस्थित थे और उन्होंने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।