जालंधर, 24 अगस्त (धर्मेंद्र सौंधी) : ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की शक्ति का पता लगाने और जश्न मनाने के लिए एचएमवी कॉलेजिएट सीनियर सेकेंड में अक्षय ऊर्जा दिवस का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल नेतृत्व में स्कूल। यह दिन पूर्व प्रधान मंत्री श्री राजीव गांधी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है और इस आयोजन का उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों में अक्षय ऊर्जा उपकरणों और प्रणालियों की आवश्यकता, लाभ और उपयोग के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना और लोकप्रिय बनाना है। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर ईश्वरीय कृपा का संचार किया गया। ग्रीन चैंपियन अवार्डी डॉ. अजय सरीन ने युवा शिक्षार्थियों को अक्षय ऊर्जा दिवस की बधाई दी और उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने “ऊर्जा बचाओ और पृथ्वी को हरा-भरा बनाओ” का नारा दिया और ऊर्जा संसाधनों का उपयोग करते समय अत्यधिक जागरूक रहने पर जोर दिया। वह प्रत्येक छात्र को यह कहकर ऊर्जा संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है कि एचएमवी में वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को बहुत ध्यान में रखा जाता है जैसे सौर जनरेटर, सौर प्रकाश, सौर गीजर, वर्षा जल संचयन इकाई और पुनर्चक्रण पेपर मशीन का उपयोग ऊर्जा के अपव्यय को कम करने के उद्देश्य से किया जाता है।
ताकि इन्हें भावी पीढ़ी के लिए बचाया जा सके। उन्होंने अपने शब्दों को यह कहते हुए समाप्त किया कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति ऊर्जा संसाधनों के बुद्धिमानी से उपयोग पर निर्भर करती है। श्रीमती मीनाक्षी सयाल, स्कूल समन्वयक ने छात्रों और सभी संकाय सदस्यों को बधाई दी और अवगत कराया कि हवा, पृथ्वी और पानी मानव जाति के लिए सबसे कीमती आशीर्वाद हैं और उन्हें संरक्षित करना और समझदारी के साथ उनका उपयोग करना हमारा गंभीर कर्तव्य है क्योंकि वे बेहतर नवीकरणीय हैं पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों की तुलना में संसाधन जो समाप्त हो जाते हैं और फिर से भरने के लिए लाखों वर्ष लगते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे हमेशा प्रकृति के संरक्षण पर ध्यान दें ताकि हम अपनी पृथ्वी को हरा-भरा और स्वच्छ बना सकें। सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के विद्यार्थियों ने विभिन्न गतिविधियों में उत्साह के साथ भाग लिया। उल्लेखनीय मॉडल बनाने के लिए ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों का प्रतिनिधित्व किया गया। छात्रों ने स्टिल मॉडल के साथ-साथ वर्किंग मॉडल भी तैयार किए। महासागर तरंग बिजली जनरेटर, सौर सिंचाई प्रणाली, सौर कुकर, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा ऊर्जा, पनबिजली पावर प्वाइंट, डीसी जनरेटर आदि जैसे उनके आकर्षक मॉडल को सराहना मिली। निर्णय योग्य न्यायाधीशों – रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ नीलम शर्मा और भौतिकी विभाग के प्रमुख श्रीमती सलोनी शर्मा द्वारा प्रदान किया गया था। मॉडल मेकिंग प्रतियोगिता में SSC 2 की नम्रता ने प्रथम, SSC2 की जयश्री ने द्वितीय और SSC 1 की एल्विस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। छात्रों ने ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण और इसके महत्व, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर पैनल चर्चा भी की जिसमें विचारों का जोरदार आदान-प्रदान किया गया। कार्यक्रम की समग्र समन्वयक सुश्री वंदना और सुश्री रिधिमा थीं। मंच का संचालन सुश्री वंदना ने सराहनीय ढंग से किया। समारोह में सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग सदस्य मौजूद थे।