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HMV कॉलेजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय के सहयोग से 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया

जालंधर, 24 नवंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : एचएमवी कॉलेजिएट सीनियर सेकेंडरी। प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी के सहयोग से स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को समझना विषय पर 30वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के संबंध में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए विद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ गायत्री मंत्र के पाठ एवं तिलक समारोह के साथ ज्ञान दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रिंसिपल डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने श्री राजीव जोशी, डिप्टी डीईओ, श्री हरजीत बावा, डीएम साइंस, जालंधर और रिसोर्स पर्सन श्री राकेश कुमार, प्रिंसिपल, सैन दास सीनियर सेकेंडरी को ग्रीन प्लांटर्स भेंट कर उनका हार्दिक स्वागत किया। श्री राजेंद्र कुमार, रसायन विज्ञान के व्याख्याता, राजकीय वरिष्ठ विद्यालय, गखल, श्री हरिदर्शन सिंह, रसायन विज्ञान के व्याख्याता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, धूरे, श्री राजेश शर्मा, विज्ञान मास्टर, राजकीय उच्च विद्यालय, बस्ती बावा खेल , जालंधर। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं प्रतिनिधियों का स्वागत किया। डॉ. सरीन ने शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि यह दिन उनके लिए अत्यधिक समृद्ध होगा। संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है और स्वस्थ रहकर ही हम अपने कार्य की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यशाला से प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षक अपने-अपने संस्थानों में शोध आधारित गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए स्थानीय स्तर के प्रोजेक्ट तैयार करेंगे तथा शोध आधारित कार्य कर वैज्ञानिक चेतना को स्थानीय एवं वैश्विक स्तर की गतिविधियों से जोड़कर पूर्ण कर सकेंगे। शिक्षकों के रूप में उनका कर्तव्य। अंत में, उन्होंने शिक्षकों को इस विषय में निरंतर गहन रुचि बनाए रखने के लिए प्रेरित किया ताकि छात्रों को राष्ट्र के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए प्रेरित और नवीन चिंगारी स्वाभाविक रूप से प्रज्वलित महसूस हो। श्री हरजीत बावा ने संस्था में इस कार्यशाला के आयोजन के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य एवं विद्यालय समन्वयक का आभार व्यक्त करते हुए विभिन्न संस्थाओं के विज्ञान शिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा कि बाल विज्ञान कांग्रेस ने अपने अथक प्रयासों से आज विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, इसलिए शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों को ऐसा प्रशिक्षण दें कि उनमें विषय के प्रति जागरूकता बढ़े और वे सर्वोत्तम प्रशिक्षण प्राप्त कर बाल विज्ञान कांग्रेस को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें। 

श्री राजेन्द्र कुमार ने विज्ञान कांग्रेस के विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए ईको सिस्टम की समझ, ईको सिस्टम क्या है, इसके विभिन्न प्रकारों पर चर्चा की और कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हमें ठोस कदम उठाने चाहिए जैसे मूर्ति बनाने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग नहीं करना चाहिए ,मिट्टी और चिकनी मिट्टी आदि का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने इस पृथ्वी को प्लास्टिक मुक्त बनाने का ध्वनि संदेश दिया जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य को बेहतर स्थिति में लाता है। श्री राजेश शर्मा ने सरकारी योजनाओं, विभिन्न परियोजनाओं और उन परियोजनाओं का मूल्यांकन कैसे किया जाना चाहिए, के बारे में शिक्षकों के साथ अपने ज्ञानवर्धक ज्ञान को साझा किया। श्री राजीव जोशी, डिप्टी डीईओ ने इस सराहनीय कार्य की सराहना की और कार्यशाला में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि विषय को ध्यान में रखते हुए छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में पूरी लगन और कड़ी मेहनत के साथ भाग लेने के लिए तैयार करें ताकि उनका समग्र विकास हो सके. और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर संस्था और जिले का नाम रोशन करें। श्रीमती मीनाक्षी स्याल, स्कूल समन्वयक ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि विज्ञान हमारे जीवन को आरामदायक बनाता है और जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। अपने बेहद प्रभावशाली नोट में, उन्होंने कहा कि कार्यशाला बहुतायत में ज्ञान प्राप्त करने में सभी के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई। उन्होंने कहा कि ईको सिस्टम के बारे में छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए, एचएमवी का इको गार्डन एक आदर्श उदाहरण है जिसे छात्रों द्वारा खूबसूरती से बनाए रखा जाता है। इस कार्यशाला में कुल 222 स्कूल शिक्षकों और श्री संजीव बंसल, श्री राजीव ने भाग लिया। भट्टी, श्री रवि, श्री सुरिंदर, श्रीमती कंचन और श्रीमती दीपाली ने ब्लॉक मेंटर के रूप में कार्यशाला की शोभा बढ़ाई। मंच का संचालन डॉ अंजना भाटिया ने किया।

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