जालंधर, 03 अप्रैल (धर्मेंद्र सौंधी) : वनस्पति विज्ञान विभाग और हंस राज महिला महाविद्यालय की डीडी पंत बॉटनिकल सोसाइटी ने पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम के तहत एक प्रकृति अध्ययन शिविर का आयोजन किया, जिसमें राज्य नोडल एजेंसी के रूप में पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से उत्प्रेरक और सहायक के रूप में सहयोग किया गया। एजेंसी। इस कैंप के दौरान एम.एस.सी. के 24 विद्यार्थियों ने। (वनस्पति विज्ञान) सेम 2 और 4 और बी.एससी। (मेडिकल) सेम VI ने हरिके और करमोवाल का दौरा किया। हरिके में परियोजना प्रभारी मैडम गीतांजलि ने छात्रों को हरिके में सतलुज और ब्यास के संगम पर अध्ययन कर रहे विभिन्न जल मापदंडों के बारे में जानकारी दी। वे सिंधु डॉल्फिन और घड़ियाल जैसे नदी में मौजूद जीवों की निगरानी भी करते हैं। वे नवंबर से फरवरी के बीच यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की भी तलाश करते हैं। सुश्री सरबजीत ने छात्रों को पंजाब में पाए जाने वाले रैप्टर्स के बारे में भी जानकारी दी। प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने विभाग द्वारा जैव विविधता और इसके संरक्षण के प्रति विद्यार्थियों में जागरूकता लाने के प्रयासों के लिए बधाई दी।
प्रकृति अध्ययन शिविर के दूसरे दिन एम.एससी. (वनस्पति विज्ञान) और बी.एससी। (चिकित्सा) सेम-4 ने होशियारपुर वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वन चेतना पार्क, नारा डैम और सालेरन डैम का दौरा किया। प्रात: 11.30 बजे वन चेतना पार्क में पुष्प विविधता का अध्ययन करने के लिए छात्र-छात्राएं पहुंचे, जहां श्री जसवीर (वन निरीक्षक एवं सुश्री हशिका (ब्लॉक प्रभारी) ने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस तरह के संरक्षित क्षेत्र बनाने का मकसद भी बताया। पंजाब में। फिर मार्गदर्शन में छात्रों ने प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए नारा डेम का दौरा किया। रास्ते में छात्रों ने नारा वन में पुष्प विविधता की निगरानी की। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा निर्मित प्राचीन कला “नारा रेस्ट होवर” में जलपान का भी आनंद लिया। बाद में दोपहर का भोजन करते हुए छात्रों ने अपने शिक्षकों के साथ पहाड़ों से घिरे सालेरन बांध की सुंदरता का आनंद लिया। प्राचार्य प्रो. डॉ (श्रीमती) अजय सरीन ने विभाग को कॉलेज की सीमा से बाहर छात्रों को सीखने के प्रयासों के लिए बधाई दी। डॉ. अंजना भाटिया, श्रीमती रमनदीप कौर, सुश्री हरप्रीत और डॉ. शुचि छात्रों के साथ थे।