जालंधर, 14 फरवरी (धर्मेंद्र सौंधी) : GST विभाग जालंधर ने बीते दिनों जाली फर्मों पर कार्रवाई करके लगभग 48 करोड़ों रुपए के घोटाले का पर्दाफाश किया और इस मामले में पहले दिन 4 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी है। पर अभी भी जालंधर में ऐसी बड़ी बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियां है, जोकि धड़ल्ले से GST विभाग को चुना लगा रही हैं। हालांकि विभाग के उड़न दस्ते की ओर से इन पर जुर्माने भी लगाए जाते हैं। पर वह काफी नहीं है।
आज हम बात करंगें लुधियाना के दो व्यक्तियों की। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक टिंकू मनचंदा और अमर जो कि पासर बनकर जालंधर के कई ट्रांसपोर्टरों के अन्नदाता बने हुए हैं और विभाग को रोजाना करोड़ों रुपए के टैक्स का चुना लगाने में कामयाब हो रहे हैं। इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि विभाग के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी नहीं है। पर पता नहीं क्यों विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी इन पर कार्रवाई करने की बजाए ढील दिखा रहा है।
यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि साल 2020 में मोहाली विजिलेंस की ओर से एक मामला दर्ज किया गया था। जिसमें GST विभाग के कर्मचारीयों बड़े अधिकारीयों और बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टरों को नामजद किया गया था। जिसमें अधिकारियों और ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत को दर्शाया गया था। जिसका पता चलते ही संबंधित अधिकारी और ट्रांसपोर्टर भूमिगत हो गए थे।
आज एक बार फिर से जीएसटी विभाग और ट्रांसपोर्टरों के मधुर संबंध पुरानी यादें ताजा कर रहे हैं। चाहे विभाग के अधिकारी ट्रांसपोर्टर की गाड़ियां रोक कर उन पर जुर्माना लगा रहा है। पर वह काफी नहीं है, क्योंकि अगर अधिकारी गाड़ियों की गहनता से जांच करें तो 1 महीने का जुर्माना एक दिन में ही एकत्रित किया जा सकता है। इन पासरों की ओर से जिन ट्रांसपोर्टरों को माल दिलवाया जाता है, अगली कड़ी में उन्हें भी सार्वजनिक किया जाएगा। अब देखना यह है कि विभाग इन पर कार्रवाई करता है या फिर यह लोग सरकार के खजाने को ऐसे ही चुना लगाते रहेंगे।
चलता भाग-1