चंडीगढ़, 12 अक्तूबर (अक्तूबर) : पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, अब पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ विजिलेंस द्वारा कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ने भ्रष्टाचार मामले में चन्नी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। यह मामला गोवा में राज्य सरकार की जमीन को सस्ते दाम पर पट्टे पर देने से जुड़ा है। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद चन्नी पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। चन्नी पर विजिलेंस ब्यूरो आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच भी कर रहा है। लेकिन गोवा की जमीन सस्ते दाम पर देने के मामले में कुछ पुख्ता सबूत हाथ लगे है। चन्नी कैप्टन अमरिंदर सरकार में पर्यटन मंत्री थे। चन्नी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद भी विभाग अपने पास रखा था। गोवा की जमीन एक रिजोट के मालिक को सस्ते भाव पर देने के आरोप है।
इस मामले में विजिलेंस आइएएस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो की ओर से चन्नी से बीते अप्रैल माह पूछताछ कर चुकी है। विजिलेंस चन्नी से रेत माफिया से संबंधों, नाजायज कालोनियां काटने, सरकारी ग्रांटों पर घालमेल, चन्नी के भांजे से 10 करोड़ की बारमदगी की जांच ईडी, देश विदेश में निवेश, बेटे की शादी में सरकारी खर्च की जांच कर रही है। बता दें कि गोवा की राजधानी पणजी के पास पंजाब सरकार की एक समुद्री बीच पर 8 एकड़ जमीन है। पूर्व चन्नी सरकार ने इस जमीन को एक पांच सितारा होटल की चेन को लीज पर दे दिया था, लेकिन मान सरकार का आरोप है कि करोड़ों की इस जमीन को कौड़ियों के भाव पर लीज पर दिया गया है।
गौर हो कि चन्नी से पहले स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल भी विजिलेंस जांच का सामना कर चुकी है। ध्यान रहे कि भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट 1996 की धारा 17 एक के तहत कार्रवाई करने के लिए सरकार से अनुमति जरूरी होती है। इससे पहले विजिलेंस की ओर से कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्रियों व विधायकों पर कार्रवाई कर चुकी है। जिन में पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू, पूर्व विधायक किक्की ढिल्लों, पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा के अलावा पूर्व मंत्री ब्रहम मोहिंद्रा और भाजपा में शामिल हो चुके कई विधायकों की जांच भी विजिलेंस की ओर से की जा रही है।