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Covid-19 Update: WHO ने किया ऐलान,भारत में मिले ‘डेल्टा वेरिएंट’ का अब सिर्फ एक स्ट्रेन ही ‘खतरनाक’

संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय ने पिछले महीने इस पूरे स्ट्रेन को ही ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित कर दिया था।

 

WHO ने दो वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ से बाहर कर दिया गया है

 

भारत (न्यूज़ 24 पंजाब) : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा कि भारत (India) में सबसे पहले मिले कोविड-19 डेल्टा वेरिएंट (Covid-19 Delta variant) के एक स्ट्रेन को ही ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ (चिंता वाला वेरिएंट) माना जाएगा। वहीं, इसके दो अन्य वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ से बाहर कर दिया गया है। कोरोनावायरस (Coronavirus) के B.1.617 वेरिएंट को ट्रिपल म्यूटेंट के रूप में भी जाना जा रहा था, क्योंकि ये तीन म्यूटेंट में अलग-अलग हो गया था। माना जा रहा है कि इस वेरिएंट के चलते ही देश में संक्रमण की रफ्तार में तेजी आई है।

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के स्वास्थ्य निकाय ने पिछले महीने इस पूरे स्ट्रेन को ही ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ और (VOC) घोषित कर दिया था। लेकिन मंगलवार को WHO ने कहा कि इस वेरिएंट का सिर्फ एक स्ट्रेन ही VOC माना जाएगा। महामारी को लेकर होने वाले अपने साप्ताहिक अपडेट में WHO ने कहा, ये बात पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है कि वर्तमान समय में B.1.617 वेरिएंट की वजह से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हुए हैं। वहीं, इसके अन्य वेरिएंट के फैलने की दर में कमी देखी गई है।

इसलिए B.1.617.2 वेरिएंट अभी भी रहेगा VOC

WHO के मुताबिक, B.1.617.2 वेरिएंट अभी भी एक VOC रहने वाला है।
इसके अलावा, कोरोनावायरस के तीन अन्य वेरिएंट भी इस कैटेगरी में रहने वाले हैं। इसके पीछे की वजह इन वेरिएंट्स का वायरस के ऑरिजनल वर्जन से अधिक खतरनाक होना है। साथ ही इन वेरिएंट्स का तेजी से फैलना और कुछ वैक्सीन पर अप्रभावी होना भी एक वजह है। इससे पहले, सोमवार को WHO ने दुनियाभर में मिले वायरस के वेरिएंट्स को ग्रीक अल्फाबेट के नाम देने का ऐलान किया। इस तरह भारत में मिले वेरिएंट को डेल्टा नाम दिया गया।

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