चंडीगढ़, 12 अप्रैल (ब्यूरो) : दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा गत दिवस बिजली मुद्दे को लेकर दिल्ली में मीटिंग बुलाई गई लेकिन इस मीटिंग में पंजाब सी.एम. भगवंत मान को नहीं बुलाया गया जिसे लेकर विवदा छिड़ चुका है। इस मामले में विरोधी दल भड़क गए हैं और आप सरकार पर पंजाब में दखल देने आरोप लगा रहे हैं। विरोधियों ने कहा कि पंजाब की जनता का अपमान किया जा है।
इस मामले पर राजा वड़िंग ने ट्वीट करते हुए कहा कि ”सीएस अनिरुद्ध तिवारी, सचिव पावर दलीप कुमार, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, एमपी राघव चड्ढा दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन, अध्यक्ष पी.एस.पी.सी.एल. बलदेव सिंह सरां ने सीएम भगवंत मान और बिजली मंत्री हरभजन सिंह की अनुपस्थिति में आधिकारिक बैठक की, क्या दिल्ली वालों द्वारा पंजाब की कठपुतली बनाई जाएगी, किस हैसियत से और किस मुद्दे पर यह बैठक हुई.. सर तो झुका ही दिया था अब माथा भी टेक दिया है क्या?”
अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि ”हमने दिल्ली के बारे में बहुत कुछ सुना है क्योंकि केंद्र सरकार राज्यों के आंतरिक मामलों में दखल दे रही है लेकिन, यह पहली बार है कि हम दिल्ली को पंजाब सरकार के आंतरिक मामलों में सीधे तौर पर दखल देने वाली राज्य सरकार के रूप में देख रहे हैं।क्या पंजाब को इसी बदलाव का इंतजार था?”
इसके साथ ही भाजपा प्रवक्ता सुभाष शर्मा ने कहा कि ”दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिल्ली में बैठक करना ना सिर्फ गैर संविधानिक है बल्कि पंजाबीयों का अपमान भी है। क्या भगवंत मान को आम आदमी पार्टी इतना नाकाबिल मानती है की उन्हें बैठक में बुलाना तक भी उचित नहीं समझा।”