ओटावा, 26 सितंबर (ब्यूरो) : कनाडा में सोमवार को खालिस्तानियों ने भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन का आयोजन किया। पिछले हफ्ते देश के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप लगाए थे। भारत की तरफ से ट्रूडो के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और बेतुका करार दिया गया था। इसके बाद भारत सरकार ने खालिस्तानियों के खिलाफ एक्शन लिया।
खालिस्तानी इस कार्रवाई से ही बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में उन्होंने कनाडा के मुख्य शहरों में स्थित भारतीय राजनयिक मिशनों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की थी। ट्रूडो ने पिछले दिनों भारत पर उस समय आरोप लगाए जब निज्जर की हत्या की जांच जारी थी।
सोमवार को हुए प्रदर्शनों को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की तरफ से आयोजित किया गया था। कनाडा के प्रमुख शहरों टोरंटो, ओटावा और वैंकूवर में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों के बाहर ये विरोध प्रदर्शन किए गए। लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक इन प्रदर्शनों कनाडा में बसे बहुत कम सिखों का समर्थन मिला। जबकि एसएफजे की तरफ से दावा किया गया था प्रदर्शनों में हजारों खालिस्तानी जुटेंगे।
राजधानी ओटावा में मुश्किल से 30 से 40 खालिस्तानी ही इकट्ठा हुए। वहीं वैंकुवर में भी मुट्ठी भर खालिस्तानी मौजूद थे। यहां पर बताया जा रहा है कि 50 से 60 के बीच में खालिस्तानी इकट्ठा थे। वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानियों ने भारतीय तिरंगे को फाड़ दिया।
कनाडा में सिख फॉर जस्टिस के मुखिया जतिंदर सिंह ग्रेवाल ने रॉयटर्स से कहा कि उनका संगठन निज्जर की हत्या को लेकर ‘जागरुकता’ बढ़ाना चाहता है। इस मकसद से ही इन प्रदर्शनों को आयोजित किया गया है। ग्रेवाल के मुताबिक संगठन की तरफ से लगातार कनाडा से भारत के राजदूत को निकाले जाने की अपील की जा रही है। ओटावा और टोरंटो में भारत के राजनयिक मिशनों की तरफ से कोई टिप्पणी फिलहाल नहीं की गई है।
टोरंटो पुलिस विभाग ने कहा है कि उसे सोमवार को होने वाले प्रदर्शनों के बारे में जानकारी है। भारत ने ट्रूडो के आरोपों से साफ इनकार कर दिया और आरोपों को ‘बेतुका’ बताया।