जालंधर, 15 फरवरी (धर्मेन्द्र सौंधी) : GST विभाग के जालंधर मोबाइल विंग में AETC D.S Garcha ने 3 साल तक अपनी सेवाएं दी और अब पदोन्नति प्राप्त कर पटियाला से विभाग के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जालंधर में उनके कार्यकाल के दौरान स्टेशन में काम करने वाले ट्रांसपोर्टर एवं अन्य ऐसे ट्रांसपोर्टर एवं पासर जोकि GST विभाग को वित्तीय क्षति पहुंचा रहे थे, उन पर गरचा ने सख्त कार्रवाई की और विजिलेंस जांच करवा कर उन पर मामला भी दर्ज करवाया।
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक गरचा की पदोन्नति के बाद जब वह जालंधर से गए तो स्टेशन पर पार्सल का काम करने वाले एवं अन्य ट्रांसपोर्ट, पासर सरगरम हो गए। वरुण,बॉबी एवं अन्य ने रफ्तार पकड़ ली। जोकि जालंधर के अलग-अलग स्थानों पर गाड़ियों से माल उतार कर वहीं से छोटी गाड़ियां में भर कर ग्राहकों को सप्लाई कर देते हैं। रफ्तार की गाड़ियां पटेल चौक के पास, वर्कशॉप चौक के पास, दाना मंडी के पास, देवी तालाब मंदिर की बैकसाइड एवं अन्य स्थानों पर गुपचुप तरीके से माल उतारती है। आज इससे जुड़े लोग विभाग को वित्तिय नुकसान पहुंचा कर लगातार चांदी कूट रहे हैं। जिससे साफ पता चलता है कि विभाग में गरचा जैसे धाकड़ अफसरों की कमी है। जिस कारण यह लोग दोबारा अपने पैर पसारने में कामयाब हो रहे हैं।
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि जीएसटी मोबाइल विंग जालंधर बिना बिल एवं गैर कानूनी ढंग से माल की ढुलाई करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही। विभाग की ओर से गाड़ियां पकड़ी जाती है, उन्हें जुर्माने की लगाए जा रहे हैं। पर फिर भी यह सवाल बार-बार सामने आ रहा है कि यह लोग दोबारा अपना साम्राज्य स्थापित करने में कामयाब कैसे हो गए। लगता है या तो मौजूदा हालातों में ऑफिसरो के पास पर्याप्त सूत्र नहीं है, या वह उन्हें नजरअंदाज कर रहे हैं, या फिर इसे अधिकारियों की ढीली कार्यवाही कहा जा सकता है और या कोई अन्य कारण भी हो सकता है। जिस कारण यह लगातार रोजाना सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने में सफल हो रहे हैं।
यहां पर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि विभाग के अफसरों को इस बारे में जानकारी नहीं है उनके पास पर्याप्त सूत्र एवं इस खबर में दी गई जानकारी से कहीं ज्यादा उनको जानकारी पहले से ही प्राप्त है और वह किसी उचित समय के इंतजार में हो सकते हैं। पर इस तरह इन लोगों पर ढील दिखाने से सरकार को लगातार नुकसान पहुंचता रहेगा। अब देखना यह है कि विभाग कितनी जल्दी कार्रवाई करके ऐसे लोगों पर नकेल कसने में कामयाब होता है। ताकि सही ढंग से काम करने वाले लोग, जो कि विभाग को टैक्स अदा करते हैं। उनको प्रसन्नता हो और गलत काम करने वालों के मन में विभागीय कार्रवाई का भय बना रहे और वह भी विभागीय नियमों के तहत काम करने के लिए प्रेरित हो।