जालंधर, 02 सितंबर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी के निमित्त माला जाप कर मुख्य यजमान राकेश प्रभाकर से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
हवन यज्ञ में आहुतियाँ डालते हुए धाम के संस्थापक व संचालक नवजीत भारद्वाज व अन्य
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों से अपनी बात करते हुए कहा कि सधारणतय देखा जाता है कि जो हमारी निंदा करता है वह हमें हमारा दुश्मन लगता है परंतु देखा जाए तो होता है इससे बिल्कुल उल्टा । होता यह है कि निंदा करने वाला आप को नीचा दिखाना चाहता है। उन्होने कहा कि बुजुर्गों ने कहा है कि जब कोई आपको नीचा दिखाना चाहता है तो साफ है कि वह अपने कि वह आपको अपने से ऊपर समझता है । यह भी सच है की निंदा करने वाला आपके किसी दोष की ही निंदा करता है दूसरे शब्दों में वह चाहता है कि आपके अंदर दोष ना रहे। दुख और सुख मन के ही होते हैं । यदि हम इसे सकारात्मक रूप से लें तो सुखी हो जाते हैं। इसके विपरीत ठीक उसी बात को नकारात्मक रूप से लेने से दुखी हो जाते हैं।
इसलिए हमें अपनी निंदा सहन करने की आदत डालनी चाहिए तथा निंदक द्वारा दर्शाई गई अपनी बुराई पर काबू पाना चाहिए एक ना एक दिन हम दोष मुक्त हो जाएंगे। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे संतों, महात्माओं के वचन है “निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय, बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय” अर्थात निंदक आप के सुभाव को बिना पानी बिना कुछ किए ही सुधार सकता है।हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।
इस अवसर पर समीर कपूर, रमाकांत शर्मा, रोहित बहल, बावा जोशी, अमरेंद्र कुमार शर्मा, मुकेश चौधरी, विक्रम भसीन, अभिलक्षय चुघ,अशोक शर्मा, जसविंदर सिंह, गुरबाज सिंह, गुलशन शर्मा, संजीव,राजेश महाजन,गितेश, यज्ञदत्त,अश्वनी शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, मानवी भार्गव, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, लक्की,सुनील जग्गी, प्रिंस,दिनेश चौधरी, पंकज, पप्पू, दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।