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मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में करवाया श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ

इंसान का पहला धर्म है इंसानियत : नवजीत भारद्वाज

 

श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ प्रत्येक शनिवार शाम 7 बजे से 8 बजे तक

 

जालंधर, 12 अगस्त (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी के निमित माला जाप कर मुख्य यजमानो से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।

इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने कहा कि सब प्राणीमात्र सुख से रहें, स्वस्थ रहें व खुशहाल रहें। उन्होने मां पितांबरा भगवती बगलामुखी जी के श्री चरणो में नतमस्तक होकर के हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि सब को सुख, स्वस्थ और सम्मानित जीवन मिले। आने वाला हर जीवन सबके लिए नई ऊर्जा का संचार करने वाला हो। सबको बढ़िया स्वास्थ्य देना ताकि वह समाज में सेवा भलाई के कार्य कर सकें।

नवजीत भारद्वाज ने कहा कि नाम सिमरन से शक्ति मिलती है,आनंद मिलता है व सहारा मिलता है, इंसान का पहला धर्म इंसानियत होता है। इंसानियत का पन्ना खुलने के बाद ही गीता व कुरान का पन्ना खुलता है। इसलिए पहले मनुष्य को इंसान बनना चाहिए। इंसान बने तो आप खुद भगवान के करीब हो जाएंगें। इंसान बनने का ज्ञान गुरु से प्राप्त होता है अत: पहले गुरू को समझो खुद भगवान मिल जाएंगें।

हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया। इस अवसर पर मुनीश शर्मा, डॉ जसबीर अरोड़ा, बलजिंदर सिंह, अमरेंद्र कुमार शर्मा, एडवोकेट राज कुमार, विक्रांत शर्मा, पंकज उपाध्याय, गुन्नू,मुकेश चौधरी, मोहित बहल, विक्रम भसीन,अभिलक्षय चुघ,अशोक शर्मा, जसविंदर सिंह, गुरबाज सिंह, बावा जोशी, गुलशन शर्मा, संजीव,पंकज उपाध्याय, श्रीगोपाल मालपानी,

राजेश महाजन,गुरबाज सिंह,गितेश, यज्ञदत्त,अश्विनी शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, मानवी भार्गव, राजीव, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, लक्की,सुनील जग्गी, प्रिंस, अशोक शर्मा,दिनेश चौधरी, राकेश प्रभाकर, पंकज, पप्पू, दीपक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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