जांलधर, 22 मई (कबीर सौंधी) : जिला प्रशासन की तरफ से कोविड –19 मरीजों के इलाज के लिए अतिरिक्त खर्चा वसूल कर फायदा उठाने वाले अस्पतालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने कहा कि यदि कोई अस्पताल या डाक्टर कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का शोषण करता है, तो जिला प्रशासन ऐपीडैमिक डिसीज एक्ट के अंतर्गत उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करेगा। सरकार के पास ऐसे अस्पतालों को बंद करने या अपने कंट्रोल अधीन लेने का अधिकार है। इस प्रकार की शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें प्राईवेट अस्पताल सरकार की तरफ से निर्धारित किये रेटों से अधिक चार्ज लेकर मरीजों को ठग रहे हैं।
डिफाल्टर अस्पतालों के खिलाफ होगी सख्त कार्यवाही
उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई अस्पताल ऐसा करता पाया गया तो उन पर कार्यवाही की जायेगी। यह स्पष्ट किया गया कि सभी प्राईवेट अस्पताल किसी भी मरीज की मजबूरी का फायदा नहीं उठाएंगे। ऐसा करने वाले डिफाल्टर अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के अलावा सरकार के पास और कोई रास्ता नहीं बचेगा। हमारे सरकारी और प्राईवेट डाक्टरों और पैरा मैडीकल स्टाफ ने इस मुश्किल समय के दौरान तन-मन से लोगों की सेवा करके एक अच्छी मिसाल कायम की है परन्तु सिस्टम में कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जो स्थिति का अनुचित फायदा उठा कर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे लोग पूरे पेशे की छवि को खराब कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चेतावनी दी गई कि वह अपनी हरकतों से तुरंत बाज आ जाएं नहीं तो सख्त कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार रहें। राज्य और जिला स्तरीय कमेटी जल्द ही प्राईवेट अस्पतालों की तरफ से करवाए गए कोविड-19 मरीजों के इलाज का विस्तृत आडिट करेगी।इस सम्बन्धी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के 104 हैल्पलाइन नंबर पर और डिप्टी कमिशनर के कार्यालय में दर्ज करवाई जा सकती है।