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पंजाब रेजीमेंट के 2 जवान हुए शहीद, जानें क्या था कारण

कई जवान और पोर्टर भी फंस गए थे, जिन्हें बचा लिया गया है। लद्दाख के सियाचिन के सब सेक्टर हनीफ में हिमस्खलन की चपेट में आकर पंजाब रेजीमेंट के दो जवान शहीद हो गए है। कई जवान और पोर्टर फंस गए थे, जिन्हें बचा लिया गया है। मृतक जवानों की पहचान सिपाही प्रभजीत सिंह, मानसा जिले के गांव हाकमवाला निवासी के रूप में हुई। प्रभजीत के परिवार में माता-पिता और एक बड़ा भाई है। सिपाही अमरदीप सिंह, बरनाला के गांव करमगढ़ के निवासी थे और उनके परिवार में पिता और एक छोटी बहन है। शहीदों के शव लेह से उनके पैतृक गांवों में 27 अप्रैल को पहुंचेंगे।

शहीद सिपाही प्रभजीत सिंह और सिपाही अमरदीप सिंह

रविवार की दोपहर हुआ था हिमस्खलन

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 21 पंजाब रेजीमेंट के दोनों शहीद जवानों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। शहीद सिपाही प्रभजीत सिंह और सिपाही अमरदीप सिंह के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान भी किया गया है।

सैन्य सूत्रों के मुताबिक, रविवार दोपहर एक बजे हिमस्खलन हुआ। सेना की रेस्क्यू टीम तत्काल मौके पर पहुंची। जवानों व पोर्टर को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन दो जवानों को बचाया नहीं जा सका। शहीदों के परिवारों को सांत्वना देते हुए कैप्टन ने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए उनकी समर्पित भावना अन्य सैनिकों को प्रेरित करती रहेगी।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है सियाचिन ​​​​​

सियाचिन ग्लेश्यिर समुद्र तल से 5400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भारत-पाकिस्तान से लगते LOC पर सियाचिन ग्लेशियर सामरिक दृष्टि से काफी महत्व रखता है। ऑपरेशन मेघदूत में पाकिस्तान को हराकर भारत ने 13 अप्रैल 1984 इस पर नियंत्रण किया था। यहां भारतीय सेना की कई चौकियां हैं, जो 6400 मीटर की ऊंचाई पर भी स्थित हैं। ऊंचाई ज्यादा होने के कारण यहां ऑक्सीजन की कमी होने से सांस लेने में दिक्कत आती है।

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