जालंधर (कबीर सौंधी) : प्रशासन की तरफ से ज़िला जालंधर में कोविड -19 की दूसरी लहर से निपटने के लिए वैक्सीनेशन में लाई गई तेज़ी से अब तक ज़िले में कुल 2,79400 का टीकाकरण किया गया है। जबकि रोज़ाना की कोविड वैक्सीन की 11000 ख़ुराकों देने के आंकड़े को पार किया गया है। ज़िला प्रशासन शुरू से ही कोविड महामारी के प्रबंधन के लिए सक्रियता से काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत ज़िले के अधिक से अधिक योग्य लाभपातरियों को टीकाकरम अभियान में लाने के लिए 283 सैशन साईटें कार्यशील हैं, जिनमें 235 सरकारी और 48 प्राईवेट सैशन साईटें शामिल है।
प्रशासन की तरफ से उद्योगों के योग्य लाभपातरियों को उनके स्थान पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मोबायल टीकाकरण कैंप भी लगाए जा रहे है, जो कि हज़ारों कामगारों की तरफ से वैक्सीनेशन करवाने के लिए सफल रहे है। इसके इलावा एक जगह पर 100 लाभपातरी उपलब्ध होने पर प्रशासन की तरफ से आम लोगों को केवल एक फ़ोन करने पर मोबायल कैंप लगवाने की सुविधा भी दी जा रही है। प्रशासन की तरफ से गई इस पहल को समाज सेवी, ग़ैर सरकारी संस्थानों, व्यापारिक एसोसीएशनों, धार्मिक संस्थानों और अन्य ने अलग -अलग स्थानों पर बड़ी संख्या में टीकाकरण कैंप लगवाए है।
इसके साथ ही अनाज मंडियों में भी कोविड की रोकथाम के लिए मोबायल टीकाकरण कैंप लगाए जा रहे है। टीकाकरण अभियान को और मज़बूत करने के उदेश्य से ज़िला प्रशासन की तरफ से बूथ स्तर मोबायल कैंपों की शुरुआत भी की जा रही है। इसको जनतक अभियान बनाने के लिए प्रशासन की तरफ से इस अभियान में बूथ स्तर अधिकारियों और ब्लाक विकास पंचायत अधिकारियों को भी शामिल किया जा रहा है, जो कि शहरी और देहाती इलाकों में घर -घर जाएंगे और 45 साल से अधिक आयु की आबादी से संपर्क करेंगे और वायरस के बुरे प्रभावों से बचाव के लिए टीकाकरण के लाभ के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे। महामारी की चेन को तोड़ने के लिए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने ज़िला निवासियों से सहयोग की माँग करते हुए कहा कि पंजाब सरकार और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेशों और सुरक्षा सावधानियों की पालना को यकीनी बनाया जाए, जिससे इस घातक वायरस को आगे फैलने से रोका जा सके। उन्होनें 45 साल या इससे अधिक आयु के योग्य लाभपातरियों को टीकाकरण के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि वायरस के बुरे प्रभावों से उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए टीकाकरण ही एक ही एक उपाय है, क्योंकि इससे उनकी प्रतिरोधी शक्ति मज़बूत होगी और वह कोविड के बुरे प्रभावों से बचे रहेंगे।