
चंडीगढ़, 16 अप्रैल (ब्यूरो) : पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा को उनके ‘बम वाले’ बयान पर दर्ज FIR के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 22 अप्रैल तक रोक लगा दी है और साथ ही पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
बाजवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस थाने में अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में दलील दी थी कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है।
गौरतलब है कि प्रताप सिंह बाजवा ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कथित तौर पर कहा था, “पंजाब में 50 ग्रेनेड आए थे, जिनमें से 18 इस्तेमाल हो चुके हैं, जबकि 32 बाकी हैं।” इसी बयान के आधार पर 13 अप्रैल को मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को बाजवा से करीब 6 घंटे तक पूछताछ भी की थी।
सुनवाई के दौरान बाजवा के वकील एपीएस दियोल ने अदालत में कहा कि FIR दर्ज करना ही गलत था। उन्होंने दलील दी कि संबंधित धाराएं लगाने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है, जिसमें बाकायदा जांच और उच्च अधिकारियों से अनुमति लेना शामिल है। लेकिन इस मामले में, कथित तौर पर एक महिला कांस्टेबल की शिकायत पर सीधे FIR दर्ज कर ली गई।
वकील ने यह भी कहा कि बाजवा एक सम्मानित व्यक्ति और विधायक दल के नेता हैं और वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनसे 6 घंटे पूछताछ हो चुकी है और उन्होंने अपने बयान के स्रोत भी पुलिस को बता दिए हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं की जानी चाहिए।
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने बाजवा की गिरफ्तारी पर 22 अप्रैल तक रोक लगाते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर याचिका में उठाए गए सवालों पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जब भी पुलिस जांच के लिए बुलाएगी, बाजवा को शामिल होना होगा। साथ ही, अदालत ने मामले में अनावश्यक बयानबाजी से बचने की भी हिदायत दी है।