दिल्ली, 12 नवंबर (ब्यूरो) : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित उत्पाद शुल्क घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी की शिकायत पर उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली आप नेता अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने आपराधिक मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि निचली अदालत का आदेश, जिसे केजरीवाल ने चुनौती दी है, दो महीने पुराना है और कोई नया आदेश नहीं है।
उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया, जिसमें मामले में एजेंसी द्वारा दायर शिकायत पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को जारी समन को चुनौती दी गई है। केजरीवाल के वकील ने इस आधार पर शिकायत की स्थिरता पर सवाल उठाया कि समन एक अधिकारी द्वारा जारी किया गया था, जबकि शिकायत किसी अन्य अधिकारी द्वारा दायर की गई थी। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्र अदालत के 17 सितंबर के आदेश को चुनौती दी है, जिसने समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। ईडी के वकील ने याचिका की विचारणीयता पर प्रारंभिक आपत्ति जताई।
केजरीवाल ने मजिस्ट्रेट अदालत के उस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत का रुख किया था, जिसमें उन्हें ईडी की शिकायत पर उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने उन्हें जारी किए गए समन से बचने के लिए ईडी द्वारा दायर दो शिकायतों पर संज्ञान लेने के बाद मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी। ईडी ने मजिस्ट्रियल अदालत के समक्ष शिकायतें दायर की थीं और मांग की थी कि दिल्ली की अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मामले में उन्हें जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए।