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HMV में विशेष नृत्य कार्यक्रम का आयोजन

जालंधर, 21 सितंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : हंसराज महिला महाविद्यालय जालंधर के पोस्ट ग्रेजुएशन नृत्त्य विभाग के बैनर तले प्राचार्या डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी के निर्देशन में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से एक विशेष नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. आशीष मोहन खोखर मुख्यातिथि और समाज सेवी व हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन के अध्यक्ष श्री दीपक बाली विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथक कलाकार विश्वदीप ने कथक नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में दीप प्रज्वलन की रस्म के बाद मेहमानों का ग्रीन प्लांटर से स्वागत किया गया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. रमनीता शारदा ने कार्यक्रम संबंधी जानकारी दी। उन्होंने डॉ. आशीष खोखर और उनके पिता श्री मोहन खोखर के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि श्री आशीष खोखर ने 51 पुस्तकें लिखी हैं और भारतीय शास्त्रीय नृत्य और अन्य कलाओं से संबंधित 5000 से अधिक शोध पत्र लिखे हैं। वे एक मेहनती व्यक्तित्व हैं जिनसे छात्रों को प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे श्री दीपक बाली जी का स्वागत करते हुए डॉ. रमनीता ने कहा कि वे समाज सेवा, संगीत सेवा तथा कला से जुड़े हुए हैं। प्राचार्या डॉ. अजय सरीन ने मुख्यातिथि तथा विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुए उन्हें कला क्षेत्र से जुड़ी शख्सियत बताया तथा डॉ. आशीष मोहन खोखर द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए उनके व्यक्तित्व को विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया।

उन्होंने कहा कि कलाकार मार्गदर्शन देते हैं तथा नई राहें बनाते हैं। उन्होंने युवा कलाकार विश्वदीप के प्रदर्शन की सराहना की तथा भविष्य में और अधिक प्रगति करने की कामना की। तत्पश्चात श्री दीपक बाली ने अपने संबोधन में विद्यार्थी जीवन में शिक्षकों के महत्व को बताया तथा विद्यार्थियों से अपने शिक्षकों तथा माता-पिता का सम्मान करने तथा अपने सपनों को पूरा करने की कहा। उन्होंने हंसराज महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ अजय सरीन की प्रशंसा करते हुए उनके द्वारा दिए गए सहयोग तथा संस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की बात कही। श्री दीपक बाली ने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के युग में अपने समय का सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया तथा श्री आशीष खोखर जी का स्वागत करते हुए उनके द्वारा किए गए शोध कार्यों तथा पुस्तकों के सृजन को अत्यंत विशेष बताया।

उन्होंने कहा कि खोखर जी द्वारा लिखी गई पुस्तकें और शोध पत्र कला के क्षेत्र में आने वाले विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। इस अवसर पर डॉ. आशीष खोखर ने अपने पिता श्री मोहन खोखर के जीवन और कला पर आधारित पुस्तक ‘भारतीय नृत्य इतिहास के जनक’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि अपने पिता की बौद्धिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्हें खुशी और गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कला को अपने जीवन का मुख्य स्रोत और मिशन चताया और शास्त्रीय नृत्य और कला के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिला शिक्षा को समाज के विकास में सहायक बताते हुए लड़कियों को कला के क्षेत्र में भी पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर श्री आशीष खोखर ने अपने पिता के शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई जिसका नाम ट्रेसिंग डांस है।

पूरा कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक रहा और उन्होंने कुछ प्रश्न भी पूछे जो डॉ. आशीष खोखर के मिशन और शास्त्रीय नृत्य में नई पीढ़ी के योगदान से संबंधित थे। इस कार्यक्रम में डॉ. नवरूप, डीन यूथ वैलफेयर और डॉ. राखी मेहता, कार्यक्रम समन्वयक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक श्रीमती कुलजीत कौर ने किया। इस अवसर पर नृत्य विभाग से सुश्री सुरभि और सुश्री कनिका मरवाहा उपस्थित थीं।

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