जालंधर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर मुख्य यजमान दिशांत शर्मा से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में चार सूत्रों विश्वास, सहनशीलता, सामजंस और अच्छे चरित्र को अपनाना चाहिए। मनुष्य को ईश्वर पर अटूट विश्वास होना चाहिए। तभी मानव को सफलता मिल सकती है। मनुष्य को अपने अंदर से क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईष्र्या को दूर कर सहनशीलता को अपनाना चाहिए क्योंकि लोभ, मोह, अहंकार, ईष्र्या को दूर करके ही आगे बढ़ सकते हैं और अपने अंदर की बुराईयों को दूर कर अच्छाई के साथ सामंजस स्थापित करना चाहिए। नवजीत भारद्वाज ने बताया कि धर्म के मार्ग पर चलना बहुत कठिन है लेकिन नामुमिकन नहीं हैं।
उन्होने कहा कि जिस प्रकार दाना खाक में मिलकर ही गुले गुलजार होता उसी प्रकार अपने अंहकार को हम जब मिटा देंगे तो हम भी परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। जब तक जीवन में अंहकार है तब तक हम सरलता से देवता को नहीं प्राप्त कर सकते अर्थात तब तक सच्चे सुख को प्राप्त नहीं कर सकते इसलिए मानव जीवन में अंहकार ही पतन का कारण है। बकरी जो मैं-मैं करती है तो अपनी खाल खिंचवाती है और मैना जो मै ना कहती है वो दूध भात नित खाती है इसलिए कभी अंहकार नहीं करना चाहिए। रावण, कौरव और कंस का पतन भी अंहकार के कारण ही हुआ था।
आज के हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया। अवसर पर अमरेंद्र कुमार शर्मा, विक्रम भसीन,अश्विनी शर्मा, संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, पुनीत डोगरा,संजीव सांवरिया, मुनीश शर्मा, रोहित बहल, यज्ञदत्त, पंकज, मंजीत सैनी,राजेश महाजन, मानव शर्मा, बावा खन्ना, मोहित बहल, सोनू छाबड़ा, विकास अग्रवाल, राजीव, अशोक शर्मा, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह,नीटू शर्मा, प्रवीण, दीपक, सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।