जालंधर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौंक में स्थित मां पितांबरा के प्रसिद्ध सिद्ध स्थान में रविवार को मासिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। सबसे पहले पंडित अविनाश गौतम एवं पंडित पिंटू शर्मा ने विधिवत रूप से गौरी-गणेश, पंचोपचार, षोडशोपचार, नवग्रह पूजन,कलश पूजन उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त माला जाप करके किया।
हवन यज्ञ में आहुतियाँ डालते हुए धाम के संस्थापक व संचालक नवजीत भारद्वाज व अन्य
मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने हवन यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत हवन यज्ञ में आए हुए सभी मां भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि तप क्यों करना चाहिए। कर्म हमारी आत्मा पर चिपकते हैं। उन कर्मों का क्षय करने के लिए ही तप का मार्ग बताया गया है। तप से अनेक सिद्धियां -रिद्धियां व उपलब्धियां प्राप्त होती हैं। तप के द्वारा करोड़ों वर्षों के संचित कर्मों को समाप्त किया जा सकता है। नवजीत भारद्वाज ने बताया कि तप किसे कहते है।
इच्छाओं का निरोध करना ही तप है। तप करने वाला विद्यार्थी ही विद्या प्राप्त कर सकता है। तप करने वाला व्यापारी ही धन अर्जित कर सकता है। तप करने वाली माता बच्चे का पालन पोषण कर सकती है। तप के बिना कोई भी संसार के काम की सिद्धि नहीं होती है। तप में इच्छाओं का कामनाओं का निरोध करना पड़ता है। तप आवागमन से मुक्ति के लिए करना चाहिए, लौकिक कामना के लिए तपस्या नहीं करनी चाहिए। तप करने से आंतरिक शक्ति का विकास होता है जिससे शक्ति बढ़ती है। तप मन को एकाग्रचित कर आंतरिक शक्ति को जगाता है। उन्होंने कहा कि तप मोक्ष का आधार है। तप करना सभी के लिए शक्ति जागृत करने का माध्यम है। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।
अवसर पर श्रीकंठ जज, अमरेंद्र कुमार शर्मा, एस के सक्सेना, वरुण बाली, विक्रम भसीन,संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, गुरबाज सिंह, सुरेंद्र सिंह, बलजिंदर सिंह, अमित कुमार, आदेश आनंद,संजीव सांवरिया,मुनीश शर्मा,रोहित बहल, राजेश महाजन,बावा खन्ना, गौरव कोहली, डॉ जसबीर अरोड़ा, मोहित बहल,पुनीत डोगरा,
सोनू छाबड़ा, विकास अग्रवाल, चेतन बाहरी,पवन सम्राट,सन्नी अरोड़ा,अशोक शर्मा, प्रिंस ,राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, प्रवीण,दीपक अग्रवाल,समीर चोपड़ा,समीर कपूर,विश्वनाथ खुराना,गुलशन शर्मा, पुनीत डोगरा,यज्ञ दत्त,मानवी भार्गव,राज कुमार,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।