ताज़ा खबरदिल्लीराजनीतिराष्ट्रीय

राज्यसभा में अब अपने दम पर कोई भी बिल पास नहीं करा सकेगी भाजपा, घट गए भाजपा के सांसद, एनडीए के पास नहीं रहा बहुमत, पढ़ें क्या है राज्यसभा का पूरा गणित?

दिल्ली, 16 जुलाई (ब्यूरो) : राज्यसभा में अब अपने दम पर भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन कोई भी बिल पास नहीं करवा सकेगा। उसके 10 सांसदों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा देने और 4 सांसदों का कार्यकाल शनिवार को समाप्त होने के बाद अब राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं रह गया है। भाजपा के जहां राज्यसभा में 86 सांसद ही रह गए हैं, वहीं एनडीए के सांसदों की संख्या भी घटकर 101 रह गई है जबकि 245 सांसदों वाली राज्यसभा में कोई भी बिल पास करने के लिए बहुमत का आंकड़ा 123 सांसदों का होना चाहिए।

पिछले कुछ वर्षों में पहली बार राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों की संख्या 90 से नीचे आ गई है। हालांकि मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए होने वाले उपचुनाव के बाद भाजपा और उसके सहयोगी दल ना सिर्फ हालिया नुकसान की भरपाई कर सकेंगे बल्कि अपनी स्थिति को और भी मजबूत कर लेंगे। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को संख्या बल के आधार पर जहां बिहार, महाराष्ट्र और असम में दो-दो सीटें वहीं हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा में उसे एक-एक सीट जीतने का भरोसा है। सरकार की ओर से चार नए सदस्यों को मनोनीत भी किया जाना अभी बाकी है। आम तौर पर मनोनीत सदस्य सत्ता पक्ष के साथ होते हैं। हालांकि किसी भी पार्टी से खुद को संबद्ध करने या ना करने को लेकर वे स्वतंत्र होते हैं। वे पारंपरिक रूप से उस सरकार के एजेंडे का समर्थन करते हैं जो उन्हें मनोनीत करती है। राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की कुल संख्या 226 है। इनमें भाजपा के 86, कांग्रेस के 26 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्य हैं।

वर्तमान में 19 पद रिक्त हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस तेलंगाना में एकमात्र सीट पर होने वाले उपचुनाव को जीतने की कोशिश में हैं। यह सीट भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के के केशव राव के इस्तीफे से खाली हुई है। राव अब कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। तेलंगाना में भले ही वह यह सीट जीत जाए लेकिन राजस्थान में उसका एक सीट गंवाना लगभग सुनिश्चित है क्योंकि यहां भाजपा के पास मजबूत बहुमत है। कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य के सी वेणुगोपाल के केरल में अलाप्पुझा से लोकसभा चुनाव जीतने के कारण राज्यसभा में राजस्थान की यह सीट खाली हुई है। भाजपा को हरियाणा में एकमात्र सीट जीतने का भी भरोसा है जहां राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण खाली हुई सीट को भरने के लिए चुनाव होने हैं। हालांकि, कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे कुछ स्वतंत्र या क्षेत्रीय दलों से संबद्ध विधायकों का समर्थन मिल सकता है।

कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक विकल्प की तलाश कर रहे कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं और इस बदौलत वह राज्यसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर दे सकती है। निर्वाचन आयोग ने अभी तक 11 सदस्यों के इस्तीफे से रिक्त हुई 11 सीटों को भरने के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है। इनमें से 10 सदस्य लोकसभा के लिए चुने गए हैं जबकि बीआरएस के केशव राव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया। कुल 245 सदस्यीय राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं। इनमें से चार जम्मू एवं कश्मीर से हैं। इस पूर्ववर्ती राज्य को 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। अभी वहां विधानसभा का गठन नहीं हुआ है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button