जालंधर (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमति माला जाप कर मुख्य यजमान सुरेंद्र सिंह से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
हवन यज्ञ में आहुतियाँ डालते हुए धाम के संस्थापक व संचालक नवजीत भारद्वाज व अन्य
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुस्सा इंसान को बर्बादी की तरफ ले जाता है। गुस्से में अगर नौकरी छोड़ोगे तो करियर बर्बाद होगा। मोबाइल तोड़ोगे तो धन बर्बाद होगा। परीक्षा नहीं दोगे तो वर्ष बर्बाद होगा और पत्नी पर चिल्लाओगे तो रिश्ता खराब होगा, क्योंकि गुस्सा हमारा मुंह खोल देता है, पर आंखें बंद कर देता है।
यह पागलपन से शुरू होता है और प्रायश्चित पर पूरा होता है। उन्होंने कहा कि गुस्सा करने से पहले सौ बार सोचें। इससे लाभ नहीं नुकसान ही होना है। जो काम रुमाल से निपट सकता है, भला उसके लिए रिवाल्वर का उपयोग क्यों किया जाए। उन्होंने कहा कि गुस्सा आ भी जाए, तब भी वाणी पर नियंत्रण रखने की कोशिश कीजिए नहीं तो आप हानि उठाएंगे। मां के पेट से निकला बच्चा और मुंह से निकले बोल कभी वापस अंदर नहीं जाते। उन्होंने कहा कि अगर गुस्सा करना ही है तो किसी को सुधारने के लिए करें।
अहंकार जताने या किसी को नीचा दिखाने के लिए गुस्सा ना करें। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि विरोध के वातावरण में भी मुस्कान को तवज्जो दीजिए, गुस्से को जीतने के लिए क्रोध के वातावरण से दूर रहिए। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।
अवसर पर अमरेंद्र कुमार शर्मा, एस के सक्सेना, वरुण बाली, विक्रम भसीन, गनेश कुमार,अश्विनी शर्मा,संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, गुरबाज सिंह,शैंकी, संजीव सांवरिया,मुनीश शर्मा,रोहित बहल, यज्ञदत्त,पंकज, मंजीत सैनी,राजेश महाजन,मानव शर्मा,बावा खन्ना,बावा, मोहित बहल,पुनीत डोगरा, सोनू छाबड़ा, विकास अग्रवाल, राजीव, चेतन बाहरी, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, प्रवीण,दीपक , सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।