जालंधर, 21 मई (धर्मेंद्र सौंधी) : सीवी रमन साइंस सोसाइटी ने डीबीटी स्टार योजना, सरकार के तहत “जैविक अपशिष्टों से जैविक हाइड्रोजन उत्पादन: बायोप्रोसेस इंजीनियरिंग और बायोरिफाइनरी दृष्टिकोण” पर विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया। भारत की। संसाधन व्यक्ति डॉ. निताई बसाक, एसोसिएट प्रोफेसर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, एनआईटी, जालंधर थे। प्रोफेसर डॉ. श्रीमती अजय सरीन, प्रिंसिपल, डॉ. सीमा मारवाहा, डीन अकादमिक और जूलॉजी विभाग की प्रमुख, श्रीमती दीपशिखा, प्रभारी विज्ञान संकाय और श्रीमती सलोनी शर्मा, प्रभारी सीवी रमन साइंस सोसाइटी ने अतिथि का पुष्प स्वागत किया।
प्रिंसिपल डॉ. श्रीमती अजय सरीन ने ऐसे जानकारीपूर्ण व्याख्यान के आयोजन के लिए विज्ञान संकाय के प्रयासों को बधाई दी, जो उन्हें ज्ञान के भंडार कहे जाने वाले विशेषज्ञों से सीखने की अनुमति देकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति उनकी रुचि को बढ़ाता है। डीन इनोवेशन और पीजी बॉटनी विभाग की प्रमुख डॉ. अंजना भाटिया ने रिसोर्स पर्सन का छात्रों से परिचय कराया। इस आयोजन का उद्देश्य व्यक्तियों को उनकी क्षमता को उजागर करने, बाधाओं को दूर करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित और सशक्त बनाना है। डॉ. निताई बसाक ने अनुसंधान और प्रकाशन में नैतिकता, शैक्षणिक अखंडता और ईमानदारी पर जोर दिया।
विज्ञान के छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने अनुसंधान में प्रगति और अंतःविषय दृष्टिकोण विकसित करने के लिए गणित, रसायन विज्ञान, भौतिकी और जीव विज्ञान के ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। डॉ. बसाक ने पर्पल सल्फर बैक्टीरिया के माध्यम से हाइड्रोजन उत्पादन, आवश्यक विभिन्न पर्यावरणीय मापदंडों, हाइड्रोजन उत्पादन में बैक्टीरिया की इनोकुलम आयु के महत्व और संबंधित चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने जीवन के उदाहरणों के साथ विभिन्न अवधारणाओं को समझाया और पुराने होने से बचने के लिए ज्ञान को अद्यतन करने पर जोर दिया। छात्रों ने डॉ. बसाक के साथ बातचीत करके व्याख्यान में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. हरप्रीत सिंह, श्री सुशील कुमार, डॉ. जतिंदर, श्री सुमित, डॉ. शवेता, श्रीमती पूर्णिमा, श्रीमती रमनदीप कौर, डॉ. साक्षी वर्मा, सुश्री हरप्रीत कौर, डॉ. सिम्मी गर्ग, डॉ. शुचि, श्री रवि कुमार और विज्ञान के अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।