जालंधर, 18 मार्च (कबीर सौंधी) : जिला चुनाव अधिकारी कम डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने प्रिंटरों और प्रकाशकों को स्पष्ट रूप से कहा कि लोकसभा चुनाव-2024 के दौरान उनके द्वारा छपवाए जाने वाले चुनाव प्रचार सामग्री जैसे पैंफलेट या पोस्टर आदि पर प्रिंटर और प्रकाशक के नाम की लाईन स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में प्रिंटर व प्रकाशकों के साथ मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति चुनाव प्रचार सामग्री जैसे पैंफलेट व पोस्टर आदि नहीं छापेगा, जिस पर प्रिंटर व प्रकाशक का नाम अंकित न हो। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया गया तो उसे 6 महीने तक की जेल या 2000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई दस्तावेज या चुनाव प्रचार सामग्री जिस में कोई एतराज़योग भाषा जैसे कि धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर अपील या किसी प्रतिद्वंद्वी के चरित्र के बारे में आपत्तिजनक भाषा में पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि इन प्रतिबंधों से राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और उनके समर्थकों द्वारा पैम्फलेट और पोस्टर आदि पर अनुचित खर्च पर अंकुश लगेगा।सारंगल ने यह भी स्पष्ट किया कि धारा 127-ए का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मामला दर्ज करना और प्रिंटिंग प्रेस का लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार सामग्री छापने से पहले प्रिंटर द्वारा प्रकाशक से हस्ताक्षरित किये स्व-घोषणा पत्र प्राप्त करना होगा, जो प्रकाशक को जानने वाले दो व्यक्तियों द्वारा तस्दीक़ हो।उन्होंने बताया कि प्रिंटर द्वारा इस स्व-घोषणा पत्र के साथ छापी गई चुनाव प्रचार सामग्री की गिनती और इस पर आने वाले खर्च से संबंधित की जानकारी चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रोफार्मा में भरकर जिला चुनाव कार्यालय को उपलब्ध करवाई जायेगी।उन्होंने आगे कहा कि आदर्श चुनाव संहिता लागू रहने के दौरान अवैध फ्लेक्सों, पोस्टर, पैंफलेट को रोकने के लिए टीमें पहले ही गठित की जा चुकी हैं।जिला चुनाव अधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों एवं अन्य को चेतावनी देते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी।उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई अधिकारी उक्त धारा एवं चुनाव आयोग के निर्देशों को सही ढंग से लागू करने में असफल पाया गया तो उसके विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की जायेगी।