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मां बगलामुखी धाम में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ सम्पन्न

संसार का सुख पुरुषार्थ से ही मिलेगा‌ : नवजीत भारद्वाज

जालंधर, 14 मार्च (कबीर सौंधी) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान अजीत कुमार से सपरिवार पंचोपचार, षोढषोपचार, नवग्रह पूजन उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।

मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ में हवन यज्ञ कै उपरांत मंदिर के मुख्य सेवादार नवजीत भारद्वाज ने आइ हुइ संगत से अपनी बात कहते हुए कहा कि संसार से मुक्ति का सुख भगवान की कृपा से मनुष्य द्वारा किए गए पुरूषार्थ से ही मिलता है। इसके लिए मनुष्य को भगवान के बताए मार्ग पर चलना होता है। धर्म, अर्थ, काम औैर मोक्ष, ये पुरुषार्थ कहे जाते हैं। संसार का सुख या मुक्ति का सुख जब भी मिलेगा पुरुषार्थ से ही मिलेगा। जितने भी जीव सिद्ध हुए हैं या प्रसिद्ध हुए हैं, सबने मेहनत और पुरुषार्थ करके ही सफलता पाई है। यह ब्याखान सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों किया।

मनुष्य को हमेशा झुककर ही रहना चाहिए। क्योंकि जो ज्यादा अकड़ता है, वहीं सबसे पहले टूटता है। हमें किसी का आशीर्वाद चाहिए तो पहले उसके सामने झुकना पड़ता है। जो मनुष्य अकडक़र रहता है, उस पर भगवान की कृपा नहीं होती है। झुकने से विकास और अकडऩे से विनाश होता है। यदि जीवन में कुछ पाना है तो झुककर ही पाया जा सकता है। जैसे हैंडपंप का हैंडिल बार-बार नीचे झुकाने पर ही पानी आता है। मंदिरों के छोटे दरवाजे हमें यहीं शिक्षा देते है कि झुकना सीखो।

इस अवसर पर श्री कंठ जज,राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, एडवोकेट राज कुमार,अशोक कुमार, अमरेंद्र कुमार शर्मा,अवतार सैनी, अभिलक्षय चुघ,उदय,किवींन शर्मा, प्रदीप, मनमोहन,नवदीप, अजीत कुमार, संजय, संजीव शर्मा, दिशांत शर्मा,बावा खन्ना, राकेश राणा, प्रताप सिंह, शिव कुमार, दिशांत शर्मा, डॉ मुकेश गुप्ता,निर्मल शर्मा,सरोज बाला, रिंकू सैनी, हेमंत, रमेश,राजेश महाजन, मनीष, तिवारी, संजीव शर्मा, दिशांत शर्मा,केतन शर्मा,ईशु वर्मा, प्रताप सिंह,सुभाष डोगरा, विक्की नाहर, जगदीश वर्मा आदि मौजूद थे। हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।

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