चंडीगढ़, 05 मार्च (ब्यूरो) : पंजाब की राजनीति से बड़ी खबर सामने आई है। शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त का 6 साल बाद विलय हो गया है। शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा के आवाज पर यह विलय हुआ है। ढींडसा ने अपनी पार्टी को अकाली दल में मर्ज कर दिया है। बता दें कि अकाली दल संयुक्त में बीजेपी की भी हिस्सेदारी है।
बता दें कि सुखदेव सिंह ढींडसा पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। सुखबीर बादल से विवाद के कारण ढींडसा ने अकाली दल से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बना ली थी और बीजेपी के साथ एलायंस कर लिया था। अब शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के साथ आने के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में सियासी समीकरण भी बदल सकते हैं। माना जा रहा है कि अकाली दल और भाजपा के दरमियान फिर से गठबंधन हो सकता है और सुखदेव सिंह ढींडसा इस गठबंधन के सूत्रधार बन सकते हैं।
2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद, सुखदेव सिंह ढींडसा और अन्य अकाली नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल (यूनाइटेड) का गठन किया था। इससे पहले, ढींडसा और अन्य नेताओं ने 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सुखबीर बादल से पद छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। प्रकाश सिंह बादल ने भी ढींडसा को मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बन पाई।