जालंधर, 02 मार्च (धर्मेंद्र सौंधी) : प्रिंसिपल प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में, फ्रायडियन साइकोलॉजिकल सोसाइटी ने “मास्टरिंग इमोशनल इंटेलिजेंस” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संसाधन व्यक्ति एक जीवन प्रशिक्षक और एक प्रतिष्ठित लेखक श्री शिवम थे। उनका स्वागत पीजी प्रमुख डॉ. अशमीन कौर ने किया। एक प्लान्टर और एक पेंटिंग के साथ मनोविज्ञान विभाग। उन्होंने भावनात्मक बुद्धिमत्ता के बारे में परिचय देकर कार्यशाला की शुरुआत की और छात्रों को बताया कि वे इसमें कैसे महारत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने भावनाओं को समझने और प्रबंधित करने की प्रासंगिकता पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि डर की भावना जिसे हम अप्रासंगिक भावना मानते हैं वह कुछ स्थितियों में महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत पर जोर देने के साथ उदाहरणों के साथ लड़ाई और उड़ान की अवधारणा को भी समझाया। उन्होंने अत्यधिक सोचने की कला भी समझायी। कुछ लोग विशेष रूप से युवा वयस्क होते हैं जो बहुत अधिक सोचते हैं और चीजों को अपने लिए बर्बाद कर लेते हैं। उन्होंने एक इंटरैक्टिव प्रश्न उत्तर दौर के साथ सत्र समाप्त किया। प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. अजय सरीन ने इस पहल की सराहना की और मनोविज्ञान विभाग को बधाई दी। सुश्री आयुषी (बी.ए. सेमेस्टर 6) ने मंच संचालन किया और औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर सुश्री श्रुति बिदानी, श्रीमती अंजलि नंदन और सुश्री निधि शर्मा ने भी कार्यशाला में भाग लिया।