जालंधर, 19 फरवरी (कबीर सौंधी) : जब सईंया भए कोतवाल तो फिर डर काहे का यह कहावत शहर में चल रहे स्पा सेंटरों पर बिलकुल फिट बैठती है।जी हाँ शहर में चल रहे स्पा सेंटरों का सच चौंका देने वाला है।यहां अंदर जाने के लिए घंटे के हिसाब से एंट्री फीस देनी पड़ती है।जहां देहव्यापार पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है। खुलेआम गंदा काम चल रहा और ग्राहकों की सुरक्षा के नाम पर स्पा सेंटर संचालक पुलिस और प्रशासन में पहुंच बताकर पूरा जिम्मा ले रहे हैं और पुलिस के कुछ अधिकारी मूकदर्शक बनकर सारा खेल देख रहे है।यह टिपणी शिव सेना बाला साहिब ठाकरे शिंदे ग्रुप के प्रदेश कार्यकारी अध्क्षय रोहित जोशी ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।जोशी ने कहा कि पुलिस के कुछ अधिकारिओ की मिलीभगत से शहर में स्पा सेंटर्स की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा पुरे जोरोशोरों से चल रहा है और पुलिस इस काले धंधे को रोकने के बजाये कुंभकरनी नीद में सो रही है।उन्होंने ने बताया कि शहर में बड़ी तादाद में मसाज सेंटर चल रहे हैं।
इन स्पा सेंटर्स पर गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है।मसाज थेरेपी के नाम पर धड़ल्ले से जिस्मफरोशी का धंधा हो रहा है।उन्होंने कहा यहाँ मजबूर लड़कियों को इन स्पा सेंटर्स में रोजगार देने के नाम पर जबरन अनैतिक कार्यों में धकेला जा रहा है।इस अनैतिक काम में पुलिस की मिलीभगत और ढीली करवाई शहर में चर्चा का विषय बानी हुयी है।उन्होंने कहा कि शहर में चलने वाले स्पा और मसाज सेंटर में काम करने वाली लड़कियां जयादातर नार्थ ईस्ट,कोलकता,मद्रास और असाम की होती हैं।
अब तो विदेशी लड़कियों के होने की बात सामने आ रही है और स्पा और मसाज सेंटरों में काम कर रही लड़कियों के पास कोई योग्यता संबंधी सर्टिफिकेट भी नहीं होते है।उन्होंने कहा कि पुलिस के अनुसार स्पा व मसाज सेंटर के एंट्रेस, एग्जिट व रिसेप्शन प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाने 30 दिन का डाटा रिकॉर्ड करने को डीवीआर लगाएं जाने और सेंटर पर आने वाले ग्राहक का आईडी प्रूफ,मोबाइल नंबर का रिकॉर्ड मेंटेन करने काम करने वाली लड़कियों का वेरिफिकेशन मालिक व लोकल पुलिस द्वारा किया करवाना मालिक की जिम्मेदारी होती है जिसका पालन नहीं हो रहा है।जोशी ने कहा कि स्पा और मसाज सेंटर में कई हाई प्रोफाइल कस्टमर होने के कारण पुलिस कार्रवाई से बचती है।