जालंधर, 12 फरवरी (धर्मेंद्र सौंधी) : हंस राज महिला महाविद्यालय ने प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में महर्षि दयानंद जी की 200वीं जयंती मनाई। प्राचार्य डॉ. सरीन ने कहा कि महर्षि के जन्मदिवस को “ज्ञान उत्सव” के रूप में मनाया जाना चाहिए। उनकी बातें दूसरों के लिए सबक की तरह हैं. उनका साहित्य हम सबके लिए मार्गदर्शक दीपक है। सभी संकायों के विद्यार्थियों को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने इस समारोह के आयोजन के लिए वैदिक ज्ञान समिति, आर्य युवती सभा और संस्कृत विभाग के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर, उत्सव को चिह्नित करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। प्राचार्या डॉ. सरीन ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने संतूर इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. ज्योति खन्ना को उनके संबोधन के लिए धन्यवाद दिया। एक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें 40 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
इस प्रतियोगिता में दीपिका प्रथम, पूजा द्वितीय और सुनैना तृतीय स्थान पर रहीं। महर्षि दयानंद के योगदान, उनके जीवन, आधुनिक दुनिया में उनकी शिक्षाओं के महत्व पर एक भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें 20 छात्रों ने भाग लिया। आंचल, जान्हवी, मुस्कान क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहीं और अदिति और रश्मी ने सांत्वना पुरस्कार जीता। अपने सम्बोधन में डा. ज्योति खन्ना ने कहा कि यह महर्षि की जिज्ञासा ही थी जिसने मूलशंकर को महर्षि दयानन्द बना दिया। उन्होंने कहा कि हर किसी को जिज्ञासु होना चाहिए और जीवन में सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. मीनू तलवार ने विद्यार्थियों के साथ महर्षि के विचार साझा किये। मंच संचालन डॉ. ज्योति गोगिया ने किया। वैदिक अध्ययन समिति प्रभारी डॉ. ममता ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर आर्य युवती सभा की सचिव एवं संयुक्त सचिव श्रीमती पवन कुमारी एवं डॉ. दीप्ति धीर भी उपस्थित थीं।