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डंकी रूट से विदेश भेजने के नाम पर ठगे 70 लाख रुपए, सीचेवाल ने सभी को रूस की जेल से छुड़ाया

जालंधर, 27 दिसंबर (कबीर सौंधी) : डंकी के रूट से विदेश जा रहे पंजाब के पांच युवाओं को कई महीने बाद आखिरकार रूस के जेल से आजादी मिली है। यूरोप जाने के लिए ट्रैवल एजैटों ने इनसे 13-13 लाख रुपए दिए थे। इन सभी युवाओं को बेलारूस से जंगलों से होते हुए पुर्तगाल के रास्ते पैदल यूरोप में प्रवेश करना था। रास्ते में ही इन सभी को सेना के जवानों ने पकड़ लिया और जेल भेज दिया।

आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य और कपूरथला के संत सीचेवाल ने इन युवाओं को भारत वापस लाने में अहम भूमिका निभाई। जानकारी के मुताबिक कुल 6 युवा यूरोप के जेल में बंद थे। इसमें पंजाब के पांच और हरियाणा का एक युवक शामिल था।

रूस की जेलों में अमानवीय अत्याचार

संत सीचेवाल की मदद से वतन लौटे युवकों ने बताया कि उनके साथ रूस की जेलों में अमानवीय अत्याचार किया जाता था। उनके साथ यूरोप भेजने के नाम पर ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया। संत सीचेवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सभी युवकों के परिवार पिछले काफी समय से अपने बच्चों को भारत लाने की कोशिश कर रहे थे।

मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया

संत सीचेवाल के मुताबिक यूरोप की जेल में बंद युवाओं के मातापिता कई महीने से परेशान थे। जब उनकी जानकारी में ये बात आई तो परिवारों से संपर्क किया गया। फिर उन्होंने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया। कुछ दिनों बाद ही छह युवकों को रूस की जेल से रिहा कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक रूस में 6 युवक फंसे थे। इसमें 5 पंजाब और एक हरियाणा का रहने वाला था। जिनकी पहचान फाजिल्का के गांव सोहना के रहने वाले बलविंदर सिंह, कपूरथला के रहने वाले गुरमीत सिंह, गुरदासपुर निवासी गुरविशार सिंह, हरजीत सिंह, जालंधर के शाहकोट के रहने वाले लखवीर सिंह और हरियाणा के करनाल के रहने वाले राहुल के रूप में हुई है।

ठग ट्रैवल एजेंट ने लिए 13-13 लाख रुपए

पीड़ित युवकों ने बताया कि आरोपी ट्रैवल एजेंट ने उनसे 13-13 लाख रुपए लिए थे। आरोपी ने उन्हें यूरोप भेजना था। मगर उन्हें रूस में फंसा दिया गया। बेलारूस से जंगलों से होते हुए पुर्तगाल के रास्ते पैदल यूरोप में प्रवेश करना था।

सभी युवकों ने डंकी प्रोसेस के लिए करीब 13-13 लाख रुपए दिए थे। मगर पहले ही उन्हें सेना ने पकड़ लिया और उनकी बुरी तरह से पिटाई कर दी। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। पीड़ित परिवारों ने 17 दिसंबर को राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल से संपर्क किया। 24 दिसंबर को सभी युवक भारत लौट आए थे।

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