जालंधर, 25 नवंबर (धर्मेंद्र सौंधी) : पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वुमेन, जालंधर के गुरु नानक अध्ययन केंद्र ने गुरु नानक देव जी के 554वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए “गुरु नानक बानी विच प्रकृति दा दार्शनिक चित्रण” पर एक विशेष अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ. रीना कुमारी (सहायक प्रोफेसर, पंजाबी विभाग, कन्या महा विद्यालय, जालंधर) ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। डॉ. रीना ने दर्शकों को अपने छंदों और लोकप्रिय जीवन कहानियों के माध्यम से गुरु जी की अविश्वसनीय शिक्षाओं के बारे में बताया और यह भी कहा कि उनके द्वारा दिया गया ज्ञान समृद्ध है और सूक्ष्म बारीकियों का प्रतीक है। नानक उस समय के क्रांतिकारी गुरु थे और उन्होंने हर संप्रदाय के सामाजिक हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया।
डॉ. रीना ने छात्रों को प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए गुरुजी के संदेशों को अपने जीवन में लागू करने के लिए प्रेरित किया। व्याख्यान गुरु नानक के पर्यावरण ज्ञान को हमारे दैनिक जीवन में एकीकृत करने के आह्वान के साथ समाप्त हुआ। इसने प्रकृति के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देने और गुरु नानक की शिक्षाओं के अनुरूप स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। अध्यक्ष श्री नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सम्माननीय सदस्य और प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर जी ने सभी को गुरुपर्व की बधाई दी और गुरु जी की शिक्षाओं को मानव जीवन के लिए मूल्यवान बताया और शांति और एकता का संदेश दिया ।