जालंधर 03 अक्टूबर (धर्मेन्द्र सौंधी): नॉर्थ विधानसभा हलके के अंतर्गत आता गदईपुर आजकल चर्चा में है। चर्चा की वजह है एक शख्स जिसने नगर निगम के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए यहां दर्जनों अवैध क्वार्टरों का निर्माण करवा दिया। एटीपी, एमटीपी समेत अन्य अफसर भी यहां मौके पर आकर जा चुके लेकिन अभी तक इन क्वार्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इस अवैध निर्माण की शिकायत विजिलेंस के द्वार पर है। दरअसल 1995 के बाद से ऐसे क्वार्टरों के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी और सरकार ने साफ कहा था कि ये निर्माण अवैध हैं। इसके बावजूद गदईपुर में श्रमिकों के लिए अवैध कॉमर्शियल निर्माण करने वाले इस व्यक्ति ने सरकार के नियम ही फुर्र कर दिए। इन अवैध क्वार्टरों को ही कतार में ऊपर नीचे बनाया गया है। हर एक क्वार्टर में सुविधाएं तो कुछ हैं नहीं बस सिर ढंकने के लिए छत है। और वो भी राजस्व का चूना लगाकर बनाई गई है। अब देखना यह है कि इन अवैध क्वार्टरों पर कब कार्रवाई होती है।
निगम के साथ तहसील को भी चूना
सूत्रों के अनुसार, इस अवैध निर्माण के कारण जहां नगर निगम को चूना लगाया गया वहीं इस निर्माण की रजिस्ट्रियों में भी अनियमितता बरती गई है। जैसे कि इस प्रकार के अवैध निर्माण की रजिस्ट्री रिहायशी करवाई जाती है और इसका प्रयोग कामर्शियल किया जाता है। कॉमर्शियल संपत्ति की रजिस्ट्री के पैसे अधिक लगते हैं लेकिन रेजीडेंशियल बताकर तहसील कार्यालय को भी अंधेरे में रखा है।
हाथों में तंबाकू, मुट्ठी में सरकार
सूत्रों के अनुसार, जिस व्यक्ति ने ये अवैध क्वार्टर बनवाए हैं वे दिन में कई बार आपको हाथों से तंबाकू मलता दिख जाएगा। ऐसे में इस शख्स को लगने लगा है कि जैसे ये तंबाकू रगड़कर खा लेता है वैसे ही मुट्ठी बंद करते ही सरकार ही इसके कब्जे में आ जाती है। जबकि सच्चाई यह है कि सरकार अवैध निर्माण और गलत काम करने वाले पर कभी भी सख्त कार्रवाई कर सकती है। जब इस संबंधी अवैध निर्माण कर्ता से बात करनी चाहिए तो उससे कहा मुझे इस संबंध में कुछ मालूम नहीं मेरे भाई को इस संबंध में जानकारी है।