कहा : पंजाब में बाढ़ की त्रासदी भगवंत निर्मित है, भगवान निर्मित नही
जब लोग इस त्रासदी से बुरी तरह लड़ रहे हैं उस समय सरकार घटनास्थल से पूरी तरह गायब है
बठिंडा, 19 जुलाई (ब्यूरो) : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से अरविंद केजरीवाल का प्रचार करने के लिए हवाई यात्राएं बंद कर पंजाब में गंभीर बाढ़ के खतरे पर चर्चा के लिए तुरंत पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होने कहा, ‘‘ कैमरे के लिए मिटटी में पैर रखना हो यां हवा में दस हजार फीट की उंचाई पर यात्रा करने तक आप वास्तव में बहूमुखी भूमिकांए निभाने में उत्कृष्ट हैं’’।
बीबा बादल ने कहा कि सिख धार्मिक स्थलों के मामलों में दखल देकर नियंत्रण करने के लिए पिछले दरवाजे से एक विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। क्या मुख्यमंत्री किसी अन्य समुदाय के धार्मिक मामलों के संबंध में ऐसा करने की हिम्मत रखते हैं?’’ उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के पास अपने गैर -पंजाबी बाॅस अरविंद केजरीवाल को कर्नाटक आदि जैसे दूरदराज के स्थानों में पंजाबी करदाताओं के पैसे की कीमत पर हवाई यात्राओं पर लेकर जा रहे हैं’’।
अकाली नेता ने कहा कि पंजाब में बाढ़ की त्रासदी ‘भगवंत निर्मित है, भगवान निर्मित नही’’।
बीबा बादल ने बुढ़लाडा और सरदूलगढ़ हलके के गांवों जैसे फुस मंडी, साधुवाला, रिओंद खुर्द, रिओंद कलां और सरदूलगढ़ शहर के विभिन्न वार्डों का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। उन्होने कई स्थानों पर अस्थायी बांध बनाने में व्यस्त लोगों के साथ भी शामिल हुई और मानसा के डिप्टी कमिशनर से बाढ़ के खतरे से जूझ रहे पीड़ितों की समस्याओं का सक्रिय रूप से समाधान करने का आग्रह किया।
पत्रकारों से बात करते हुए और बाद में एक बयान में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए कहा, ‘‘ सैकंड़ों गांव और फसल वाली हजारों एकड़ जमीन पानी में डूबी हुई है, जबकि आप उन संकटग्रस्त लोगों को भाग्य के सहारे छोड़कर दूर उंचे आसमानों में उड़ रहे हैं, यह पाप है। अब समय आ गया है कि आप अपना प्रचार-प्रसार बंद कर बाढ़ के कहर से जूझ रहे लोगों को बचाने के लिए कमर कस लें।
बीबा बादल ने कहा कि उन्हे यह देखकर बहुत दुख हुआ कि मुख्यमंत्री इतना बेरहम व्यवहार कर रहे हैं , जब उनका राज्य बाढ़ से पीड़ित है, लोगों की जान जा रही है, पशुधन मर रहा है , तो वह कर्नाटक में केजरीवाल का प्रचार-प्रसार करने के लिए हवाई यात्राएं कर रहे हैं’’।
अकाली नेता ने मुख्यमंत्री से प्रचार के हथकंडे छोड़कर पीड़ित लोगों के लिए राज्य के फंड बचाने और अपना समय उन लोगों को समर्पित करने के लिए कहा, जिन्होने उन्हे सत्ता में लाने के लिए वोट दिए थे’’।
बीबा बादल ने अफसोस जताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गिरदावरी से पहले ही मुआवजा जारी करने की बड़ी बड़ी बाते कीं, लेकिन 35 से अधिक मौतों और सैंकड़ों मवेशियों के नुकसान के बावजूद वे उन लोगों को अनुग्रह राशि देना तो दूर की बातकी घोषणा तक नही की तथा न ही हाल तक पूछने आए। उन्होने कहा, ‘‘ गांवों में लोग जान,फसल, मवेशी और संपत्ति खो रहे हैं और सरकारी मदद के अभाव में उनका तनाव बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि ग्रामीण अपने गांवों को पानी के बहाव से बचाने के लिए खुद ही अपने संसाधन जुटा रहे हैं, क्योंकि प्रशासन पूरी तरह से अनुपस्थित है।
उन्होने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी चेतावनी के बावजूद, प्रशासन ने बांधों को मजबूत करने के अलए प्रभावी कदम उठाने की जहमत नही उठाई। उन्होने कहा कि चांदपुरा बांध का टूटना सीधे तौर पर इस असंवेदनशीलता और उपेक्षा का परिणाम है, जिससे घग्गर का पानी बाढ़ में बह गया और मानसा जिले के बुढ़लाडा और सरदुलगढ़ के विशाल इलाकों में तबाही मच गई।
उन्होने कहा, ‘‘ लेकिन इस गंभीर त्रासदी के समय भी मुख्यमंत्री और आप सरकार फर्जी प्रचार करने के लिए फोटो खिंचवाने में व्यस्त है।
बीबा बादल नेे बताया कि अनगिनत लोगों ने अपनी दुखभरी कहानियां सुनाई। उन्होने बताया, उनमें से प्रत्येक का गला यह याद करते हुए रूंध गया कि दिंवगत मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने ऐसी स्थिति में क्या करते। उन्होने कहा, ‘‘उनके बारे में बात करते समय वे मुश्किल से बोल पाते कि कैसे किसी भी संभावित प्राकृतिक चुनौतियों के लिए वे पहले से तैयारी करते थे। हर साल बारिश आने से पहले वे फरवरी से मई में बांधों और पुलों को मजबूत करने का आदेश देते थे और जब स्थिति एक हद से आगे बढ़ जाती तो वह व्यक्तिगत रूप से राहत कार्यों की देखरेख करने और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते थे’’।उन्होने कहा कि शिरोमणी अकाली दल पंजाबियों की हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होने गांवों में डीजल ड्रम, सूखे दूध के पैकेट सौंपे और कल तक लोगों तक पहुंचने के लिए ट्रैैक्टर , नाव और चारे की व्यवस्था भी की।
बीबा बादल ने उन स्थानों का भी निरीक्षण किया जहां लोग सड़कों पर अस्थायी बांध का निर्माण कर रहे थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ हलके के अकाली नेता प्रेम अरोड़ा, गुरमेल सिंह फफड़े, बालम सिंह कालीपुर, गुरप्रीत सिंह चहल, हनीश मानसा, गुरदीप सिंह टोडरपुर, बाॅबी जैन और जतिंदर सिंह सोढ़ी भी मौजूद थे।