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HMV ने मल्टीओमिक्स डेटा इंटीग्रेशन और विज़ुअलाइज़ेशन पर कार्यशाला का आयोजन किया

जालंधर, 04 जुलाई (धर्मेंद्र सौंधी) : प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. अजय सरीन के कुशल मार्गदर्शन में, पीजी बायोइनफॉरमैटिक्स विभाग और बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने ‘इनोवेटिव टीचिंग पेडागॉजीज’ पहल के एक भाग के रूप में ‘साइटोस्केप का उपयोग करके मल्टीओमिक्स डेटा इंटीग्रेशन और विज़ुअलाइज़ेशन’ पर कार्यशाला का आयोजन किया। डीबीटी स्टार कॉलेज योजना। कार्यशाला का उद्घाटन सत्र दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुआ जिसके बाद डीएवी गान हुआ। डीन इनोवेशन एंड रिसर्च डॉ. अंजना भाटिया ने कार्यशाला की रिसोर्स पर्सन डॉ. गीतांजलि यादव, ग्रुप लीडर, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली और प्रोफेसर (डेटा साइंसेज) आईआईएसईआर भोपाल का परिचय दिया।

इसके बाद, डॉ. सीमा मरवाहा, डीन अकादमिक, डॉ. जितेंद्र कुमार, संयोजक और एचओडी बायोटेक्नोलॉजी, डॉ. हरप्रीत सिंह, आयोजन सचिव और प्रमुख जैव सूचना विज्ञान विभाग, श्रीमती सलोनी शर्मा, एचओडी, पीजी विभाग भौतिकी ने संसाधन का स्वागत किया। कार्यशाला का व्यक्ति. डॉ. सीमा मरवाहा ने औपचारिक स्वागत भाषण दिया जबकि डॉ. हरप्रीत सिंह ने सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला की अवधारणा का सारांश दिया। डॉ. जितेंद्र ने एक छात्र के समग्र कैरियर विकास पथ में ऐसी कौशल विकास कार्यशालाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. यादव ने प्रतिभागियों को आपस में शोध योग्यता और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए संबोधित किया। उन्होंने उन्हें मानवता के कल्याण के लिए डेटा विज्ञान अनुसंधान में अपने कैरियर को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया था। उन्होंने जीव विज्ञान में विविध डेटासेट को एकीकृत करने के लिए डेटा विज्ञान और डेटा वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र 1 और 2 जहां छात्र जैव सूचना विज्ञान के नवीनतम कौशल के बारे में सीखते हैं।

STRING, UNIPORT, PDB, और Bio Grid आदि जैसे विभिन्न स्रोतों से डेटा निष्कर्षण; साइटोस्केप टूल का उपयोग करके डेटा का विज़ुअलाइज़ेशन और विश्लेषण। डॉ. यादव ने साइटोस्केप पर केस स्टडीज का उपयोग करके व्यावहारिक प्रशिक्षण के बाद नेटवर्क जीव विज्ञान से संबंधित सभी अवधारणाओं को पढ़ाया। उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में पंजाब और चंडीगढ़ के विभिन्न संस्थानों के 40 से अधिक प्रशिक्षुओं ने जैव सूचना विज्ञान से संबंधित अपने कौशल को बढ़ाने के लिए भाग लिया। प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस पहल की सराहना की और जैव सूचना विज्ञान के नवीनतम उपकरणों पर इस तरह की जानकारीपूर्ण और कौशल बढ़ाने वाली कार्यशाला के आयोजन के लिए जैव सूचना विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी विभागों को बधाई दी। तकनीकी सहायता श्री अरविन्द चण्डी एवं श्री विधु वोहरा द्वारा दी गई। आयोजन समिति के सदस्य श्री सुमित शर्मा ने इस कार्यशाला को सफल आयोजन बनाने के लिए संसाधन व्यक्ति, सभी प्रतिभागियों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों, तकनीकी कर्मचारियों और सहायक कर्मचारियों को औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सुश्री दीक्षा, डॉ. शवेता, डॉ. नितिका कपूर, श्री सुशील कुमार, श्रीमती रमनदीप, डॉ. सिम्मी, डॉ. शुचि शर्मा एवं सुश्री हरप्रीत, डॉ. साक्षीवर्मा, श्री रवि कुमार, डॉ. वंदना और सुश्री तनीषा भी उपस्थित थीं

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