जालंधर, 23 जून (धर्मेंद्र सौंधी) : एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर की पीजी डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स की प्राध्यापिका डॉ मनीषा शर्मा ने ‘अध्यापक एवं विद्यार्थियों के प्रगाढ़ संबंध’ विषय पर विद्यार्थियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज अध्यापक एवं विद्यार्थी के संबंधों को लेकर एक प्रश्न चिन्ह उभरता है कि आज के विद्यार्थी पहले जैसे टीचर्स का सम्मान नहीं करते तो उन्होंने इस बारे में कहा कि आजकल सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम,फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट के प्रभाव के कारण, माता-पिता का बच्चों को उचित समय ना देने के कारण और विद्यार्थियों में अपने भविष्य को लेकर बेचैनी के कारण उनके स्वभाव में काफी बदलाव आ गया है तो इसके लिए हम केवल विद्यार्थियों को ही जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते बल्कि इसके लिए उनके माता-पिता को भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
टीचर्स को भी केवल सिलेबस खत्म करने तक ही अपनी जिम्मेदारी नहीं समझनी है बल्कि उनको हर विद्यार्थी के साथ एक व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना है ताकि वह उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को जानते हुए उसे सही दिशा निर्देश दे सके सिर्फ क्लास टीचिंग विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए काफी नहीं है इसके लिए बच्चों को कभी कभार बाहर भी ले जाना होगा और उनके दिल की बात को भी सुनना होगा इस विषय में डॉ नीरजा ढींगरा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के परिवेश में टीचर्स पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों के साथ दोस्ताना संबंध बनाकर रखें ताकि वे अपने मन की हर उलझन को उनके साथ सांझा कर सके और मुश्किल समय में उनसे मार्गदर्शन ले सके उन्होंने इस बारे में कहा कि गुरु शिष्य परंपरा टीचर विद्यार्थियों के संबंधों के आदर्श को व्यक्त करती है अगर हम वैसे ही विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के संपूर्ण गुणों-अवगुणों को जानते हुए उनके व्यक्तित्व के विकास में अपना योगदान दें तो निःसंदेह विद्यार्थी एक सफल जीवन जीने के लिए अपने आप को तैयार करते हुए राष्ट्रनिर्माण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।