मानसा, 05 जून (ब्यूरो) : पंजाब के मानसा जिले के सभी निजी स्कूलों की संस्था प्राइवेट स्कूल यूनियन बैठक में एक अनोखा फैसला लिया है। बैठक में जिले में नशे की बेतहाशा बिक्री और नशे की गिरफ्त में जा रही युवा पीढ़ी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि नशा बेचकर लोगों के बेटे-बेटियों को बर्बाद करने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। यह घोषणा की गई कि नशीले पदार्थों की बिक्री में शामिल व्यक्तियों के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जाएगा। किसी भी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले नशा बेचने वालों के बच्चों के नाम काटे जाएंगे। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव हरदीप सिंह जटाना ने कहा कि शिकायतों के आधार पर जांच की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति नशे के धंधे में लिप्त पाया जाता है तो उसके बच्चे का नाम निजी स्कूल से काट दिया जाएगा। नशा बेचने वालों के कुछ बच्चे भी नशा खरीदते हैं। इसी कारण इस तरह का कदम उठाया गया है।
वहीं जिला शिक्षा अधिकारी हरिंदर सिंह भुल्लर ने कहा कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का फैसला पूरी तरह गलत है। इसमें बच्चों का क्या कसूर है। अभिभावक गलत हैं तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर बात की जाएगी। दरअसल, संस्था पदाधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में नशा बेचने के आरोपी व्यक्ति के स्कूल जाने वाले बच्चों को व्यक्तिगत रूप से उनके पास ले जाया जाएगा और संबंधित व्यक्ति से तत्काल नशा बेचने से रोकने की अपील की जाएगी। अपील के बावजूद अगर वह गुप्त रूप से या खुलेआम नशा बेचना जारी रखता है तो स्कूल 15 दिन का लिखित नोटिस देकर छात्र का नाम स्कूल से काट देगा। संगठन के नेताओं ने आम लोगों और नशा मुक्त समाज बनाने में लगे समाज सेवी संगठनों से अपील की है कि वे नशा तस्करों के बारे में स्कूलों को लिखित रूप में सूचित करें। जहां भी असामाजिक लोगों के बच्चे पढ़ रहे हैं, वे तुरंत कार्रवाई करेंगे। नेताओं ने जिले के सभी प्राइवेट स्कूलों से भी नशा बेचने में शामिल लोगों को चेतावनी देने को कहा है। न मानने की स्थिति में उनके बच्चों के नाम काटने का फरमान जारी किया है।
पंजाब किसान यूनियन के गुरजंट सिंह, कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के सुखजीत रामानंदी और मजदूर मुक्ति मोर्चा के विजय भीखी ने कहा कि नशे का सबसे बुरा असर स्कूली छात्रों पर पड़ता है। अगर प्राइवेट स्कूल यूनियन इस प्रकार का एक्शन लेती तो नशे की बिक्री आवश्यक रुकेगी। इस अवसर पर वरिष्ठ उप प्रधान सुरेश सिंगला, महासचिव लक्खा सिंह, मुख्य वक्ता जसविंदर सिंह जौड़किया, कुलदीप सिंह, जगतार सिंह, जगजीत कौर धालीवाल, हरप्रीत सिंह पुरबा, गुरप्रीत सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। प्राइवेट स्कूल यूनियन के इस फैसले की सराहना करते हुए लिबरेशन पार्टी के प्रदेश सचिव राजविंदर सिंह राणा ने कहा कि इस तरह की घोषणा से नशा बेचकर लोगों के बेटे-बेटियों को बर्बाद करने वालों की नींद खुल जाएगी कि अगर वे नहीं सुधरेंगे तो उनके अपने बच्चे भी बर्बाद हो जाएंगे।
यूनियन के मुताबिक परमिंदर सिंह उर्फ झोटा करीब एक साल पहले नशे की लत में फंस गया था। इसके बाद परमिंदर अमृतधारी हो गया और पूरी तरह से नशे को त्याग दिया। उसे पता था कि किन-किन मेडिकल स्टोर पर नशा बिकता है। इसके खिलाफ अभियान चलाना शुरू किया। ऑटो लेकर बाजारों में नशे से बचने के लिए अनाउंसमेंट करके लोगों को जागरूक करने लगा। इसी बीच किसी के साथ छोटा-मोटा विवाद होने पर पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। यह देख सभी जत्थेबंदियां परमिंदर के पक्ष में उतर आईं। इसी के मद्देनजर प्राइवेट स्कूल यूनियन ने यह फैसला लिया है।