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नही रहे बॉलीवुड के 2 दिग्गज कलाकार! महाभारत के ‘मामा शकुनी’ के अदाकार गूफी पेंटक तथा अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का निधन

मुंबई, 05 जून (ब्यूरो) बॉलीवुड को पिछले 24 घण्टे के दौरान गहरे झटके लगे हैं। पिछले एक दिन में ही अपने जमाने की मशहूर अदाकारा सुलोचना तथा महाभारत में मामा शकुनी का दमदार किरदार निभाने वाले दिग्गज एक्टर गुफी पेंटल का निधन हो गया है।

शकुनी‌ मामा के नाम‌ से मशहूर गूफी पेंटक का‌ मुम्बई के‌ अस्पताल में निधन हो गया है. गूफी पेंटल के भतीजे हितेन‌ पेंटल ने ये जानकारी देते हुए बताया कि उम्र संबंधी क‌ई‌ बीमारियों‌ जूझ रहे गूफ़ी पेंटल का हृदय गति रुक जाने से हुआ निधन हुआ.

आज शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। जिस वक्त गूफी की तबियत बिगड़ी उस वक्त वे फरीदाबाद में थे। पहले उन्हें फरीदाबाद के एक हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और फिर मुंबई लाया गया।

टीवी एक्ट्रेस टीना घई ने कुछ दिन पहले एक्टर की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए फैंस से उनके लिए प्रार्थना करने की अपील की थी।

फिल्म रफू चक्कर से डेब्यू किया, महाभारत से घर-घर पहचान मिली

बीआर चोपड़ा के टीवी सीरियल महाभारत में साथी कलाकार पुनीत इस्सर के साथ गूफी पेंटल। गूफी ने 1975 में ‘रफू चक्कर’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था। 80 के दशक में वे कई फिल्मों और टीवी शोज में नजर आए।

हालांकि, गूफी को असल पहचान 1988 में बीआर चोपड़ा के सुपरहिट शो ‘महाभारत’ से मिली थी।

शो में उन्होंने शकुनि मामा का किरदार निभाया था। गूफी आखिरी बार स्टार भारत के शो ‘जय कन्हैया लाल की’ में नजर आए थे।

अभिनेत्री सुलोचना का 94 साल की आयु में निधन

40-50 के दशक की दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना का निधन हो गया, वह 94 साल की थीं. सुलोचना ने मराठी फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत करने वाली सुलोचना ने 250 से अधिक हिंदी और 50 मराठी फिल्मों में काम किया.

मराठी और हिंदी इंडस्ट्री का जाना माना चेहरा रहीं सुलोचना

40 के दशक में एक्टिंग की शुरुआत करने वाली सुलोचना ने मराठी और हिंदी सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई। सुलोचना ने देवआनंद, राजेश खन्ना सहित कई बड़े एक्ट्रेस के साथ काम किया. सुलोचना ने शम्मी कपूर की दिल देखे देखो, दिलीप कुमार की आदम और देव आनंद की जॉनी मेरा नाम जैसी फिल्मों में मां की भूमिका निभाकर लोगों के बीच अपनी एक्टिंग की गहरी छाप छोड़ी।

बेटी ने की मौत की पुष्टि

सुलोचना की बेटी कंचन घनेकर ने उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘उन्हें उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं और सांस लेने में कठिनाई थी, आज शाम 6 बजे उनका निधन हो गया’.

कल होगा अंतिम संस्कार

परिवार की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार उनके ‘अंतिम दर्शन’ शहर में उनके प्रभादेवी आवास पर होंगे और शाम को 5:30 बजे शिवाजी पार्क शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

काफी समय से बीमार थीं सुलोचना

इससे पहले भी सुलोचना की तबियत खराब होने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें छुट्टी मिल गई.

अब दोबारा से सुलोचना की सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें मुंबई के सुश्रृषा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

आर्मी जवान से बने थे मामा शकुनी

एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले गुफी पेंटल आर्मी में थे। दैनिक भास्कर से हुई खास बातचीत में पेंटल आर्मी जवान से शकुनि बनने की कहानी शेयर की थी।

उन्होंने कहा था- 1962 में भारत-चीन के बीच जब युद्ध चल रहा था, तब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था।

युद्ध के दौरान भी कॉलेज में आर्मी की भर्तियां चल रही थीं। मैं हमेशा से आर्मी में जाना चाहता था। पहली पोस्टिंग चीन बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई थी।

बॉर्डर पर मनोरंजन के लिए टीवी और रेडियो नहीं होता था इसलिए हम बॉर्डर पर (सेना के जवान) रामलीला करते थे।

रामलीला में मैं सीता का रोल करता था और रावण बना शख्स स्कूटर पर आकर मेरा अपहरण करता था। मुझे एक्टिंग का शौक तो था ही, इससे कुछ ट्रेनिंग भी मिल गई।

एक्टिंग में इंटरेस्ट बढ़ने लगा तो गुफी अपने छोटे भाई कंवरजीत पेंटल के कहने पर 1969 में मुंबई आ गया था।

मॉडलिंग और एक्टिंग सीखी और कई फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया। इस दौरान बीआर चोपड़ा की महाभारत में कास्टिंग डायरेक्टर के तौर पर काम करने का मौका मिला।

मैं महाभारत में शकुनि के कैरेक्टर के लिए परफेक्ट फेस की तलाश में थे। मैंने शो के लिए सभी कैरेक्टर्स का ऑडिशन लिया था।

मैंने इस रोल के लिए तीन लोगों को चुना था। इस बीच शो की स्क्रिप्ट लिख रहे मासूम रजा की नजर मुझ पर पड़ी और उन्होंने मुझे ही शकुनि का रोल करने की सलाह दी। इस तरह मैं महाभारत का मामा शकुनि बन गया।

मैंने इससे पहले टीवी सीरियल बहादुर शाह जफर में लार्ड मेटक्लैफ का रोल प्ले किया था।

शकुनि का किरदार मिलने पर इस बात की चिंता थी कि परिवार वालों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। उनके किरदार को सभी ने पसंद किया और तारीफ भी की।

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