दिल्ली, 31 मई (ब्यूरो): राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आज तड़के प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के लोगों पर बड़े पैमाने की छापेमारी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक, केरल और बिहार में 25 जगह एनआईए ने छापे मारे हैं। ये छापे बिहार के फुलवारी शरीफ केस के सिलसिले में एनआईए ने मारे हैं। बिहार पुलिस ने 2022 में फुलवारी शरीफ में पीएफआई के दफ्तर पर छापा मारा था। पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। फुलवारी शरीफ में पीएफआई के दफ्तर से 8 पेज का एक दस्तावेज मिला था। इससे कट्टरपंथी पीएफआई की असली साजिश का खुलासा हुआ था।
दस्तावेज से पता चला था कि पीएफआई ने साल 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश रची थी। इसके लिए पीएफआई अपने सदस्यों को हथियारों की ट्रेनिंग भी दे रहा था। पीएफआई के दस्तावेज से ये खुलासा भी हुआ था कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ने समाज में विभेद पैदा करने की साजिश भी रची थी। पीएफआई का इरादा पिछड़ों और दलितों का साथ लेना था। पीएफआई इसके अलावा चुनावों के जरिए संसद और विधानसभाओं में बहुमत हासिल करने की फिराक में भी थी। ताकि देश के संवैधानिक संस्थाओं पर अपने लोगों को बिठा सके।
इनके जरिए ही भारत को पूरी तरह इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश पीएफआई ने रची थी। फुलवारी शरीफ में पीएफआई की साजिश वाला दस्तावेज सामने आने के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर एनआईए ने देशभर में पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के ठिकानों पर दो बार ताबड़तोड़ छापे मारे थे। इन छापों में पीएफआई के नेता और सदस्य गिरफ्तार किए गए थे। एनआईए के हाथ पीएफआई की साजिश के और दस्तावेज भी आ गए थे। जिनमें इस्लामी संगठन का हाथ होने का पता चला था। इसके बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर पीएफआई पर बैन लगा दिया था।